नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय में अब कामकाज में लेट-लतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंत्रालय ने तेजी से फैसला लेने और कामकाज को तेज करने के लिए लिए बड़ा फैसला लिया है. नए फैसले के मुताबिक, अब एडिशनल सेक्रेटरी, स्पेशल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी अब डायरेक्टर से सीधे फाइलें तलब कर सकता है.
गृह मंत्रालय ने संयुक्त सचिवों को वित्तीय शक्तियां दी हैं, जिसके तहत संयुक्त सचिव काम करने और जमीन खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं. इतना ही नहीं, ज्वाइंट सेक्रेटरी रैंक का अधिकारी, अंडर सेक्रेटरी से भी डायरेक्ट फाइलें मंगा सकता है.
संयुक्त सचिवों को खुली या सीमित निविदा के जरिये 20 करोड़ रुपये तक की खरीद की अनुमति दी गई है और नेगोशियेट या एकल निविदा या फिर मालिकाना कॉन्ट्रैक्ट के जरिये 5 करोड़ तक के खरीद की अनुमति दी गई है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब कामकाज में फ्लेक्सिबिलिटी लाने, लेट-लतीफी को दूर करने और तुरंत निर्णय लेने को लेकर संयुक्त सचिवों को इस तरह के वित्तीय पावर दिये गये हैं.
बता दें कि ये फैसला गृह मंत्रालय सचिव राजीव गौबा के द्वारा लिया गया है, जिन्होंने 31 अगस्त को पदभार संभाला है. इस फैसले के तहत अब संयुक्त सचिव मंजूर योजनाओं और परियोजनाओं के अंतर्गत इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिविल, बिजली के काम के तहत 50 करोड़ रुपये तक की खर्चे की मंजूरी दे सकते हैं.