नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं जहां वे एक सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि कृत्रिम बुद्धिमता पर लेक्चर देंगे. बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा विज्ञान है जिसकी मदद से इंसान की तरह मशीन को बनाया जाता है.
हाल ही में नार्वे की यात्रा से वापस लौटे राहुल गांधी अपनी अमेरिका के रूप में दूसरी यात्रा की तैयारी कर चुके हैं, जहां वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार को रखेंगे. पार्टी सूत्रों की मानें तो राहुल सिलिकन वैली का दौरा कर ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर एक सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो 11 सितंबर को टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के साथ मीटिंग के बाद राहुल गांधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मुद्दे पर बोल सकते हैं. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी चाहते हैं कि भारत इस विशिष्ट क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाये जिस तरह वह साफ्टवेयर डेवलपमेंट में निभा रहा है और उसने अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता हासिल कर रखी है.
सूत्रों ने कहा कि भारत में इस मुद्दे पर चर्चा भी नहीं हो रही है जबकि चीन ने इस क्षेत्र में निवेश करना शुरू कर दिया है ताकि इस क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूती दी जा सके.
हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत एक नया सब्जेक्ट मात्र है. जबकि चीन समेत कई देश इस मुद्दे पर मजबूती हासिल करने के लिए शोघ कार्य के लिए निवेश भी करना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा कि इसका उद्देश्य है कि आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस इस ज्ञान को वापस लाया जा सके तथा कांग्रेस पार्टी के दृष्टिकोण दस्तावेज में नीति स्तर पर इसे लागू किया जा सके.
बता दें कि राहुल की इस अमेरिका यात्रा में ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा मदद करेंगे. पित्रोदा स्वयं एक प्रौद्योगिकीविद् हैं और राहुल के पिता दिवंगत राजीव गांधी के मित्र हैं. राजीव ही सैम को देश में वापस लेकर आये थे.
बता दें कि नॉर्वे यात्रा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र के नेताओं से मुलाकात की थी. कांग्रेस अभी लगातार मिल रही हार से जूझ रही है और इसके बड़े नेता भी साथ छोड़ रहे हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस अभी देश में बुरे दौर से गुजर रही है. हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस अभी लड़खड़ाई नजर आ रही है. वहीं गुजरात में भी इस साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस को जी तोड़ मेहतन करनी होगी क्योंकि गुजरात राज्यसभा चुनाव में उसके सीनियर नेता शंकरसिंह वाघेला ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था.