बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के आखिरी दिन ‘डायलॉग ऑफ इमरजिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्रीज’ कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में एक बार फिर आतंकवाद को खत्म करने पर जोर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए नया कदम उठाना बेहद जरूरी है और इसके लिए सभी देशों को एक साथ आना होगा. उन्होंने कहा कि साथ मिलकर ही आतंकवाद से लड़ना होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ सबका विकास पर जोर देते हुए कहा कि सबके साथ से ही आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘सबको साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा. हमें आतंकवाद के खात्मे के लिए, साइबर सिक्योरिटी के लिए और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी आपसी सहयोग से आगे बढ़ना है.’
ब्रिक्स समिट में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया है. ब्रिक्स श्यामन घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई है. इसमें लिखा गया है कि हम लोग आस-पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साझा घोषणापत्र में पहली बार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत तालिबान, आईएस, अलकायदा व हक्कानी नेटवर्क की हिंसा का जिक्र किया गया है. इसके साथ ही सभी आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की गई है. यह बाद विदेश मंत्रालय में सचिव प्रीति सरन ने सम्मेलन को लेकर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी है.
बता दें कि ‘डायलॉग ऑफ इमरजिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्रीज’ कॉन्फ्रेंस के बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है. कहा जा रहा है कि इस वार्ता में डोकलाम विवाद पर भी बात हो सकती है. इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की थी.
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार मोदी आज (मंगलवार) शी चिनपिंग से दिन में 12:30 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे) मिलेंगे. म्यांमार के दौरे पर निकलने से पहले मोदी का यह आखिरी आधिकारिक कार्यक्रम होगा. मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रविवार को यहां पहुंचे थे. सूत्रों का कहना है कि मोदी और शी की इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता विश्वास बहाली के कदमों के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं.