नई दिल्ली, आज के समय में 500 रुपये का नोट हर किसी के पास होता है, लेकिन वही नोट बाजार में चलने लायक है या नहीं यह एक बड़ा सवाल है. ऐसा इसलिए क्योंकि नोटबंदी के बाद से फेक करेंसी और नोटों को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं, जिसके मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 रुपये के नोट को लेकर एक बयान जारी करते हुए बैंकों को कुछ अहम निर्देश दिए हैं.
आरबीआई ने 500 के नोट के संदर्भ में बैंकों से कहा है कि वे हर तीन महीने में सटीकता और स्थिरता के लिए अपनी नोट छंटाई मशीनों का टेस्ट करें और यह सुनिश्चित करें प्रिटेंड नोट तय मापदंडों के अनुसार हैं या नहीं. आरबीआई ने नोटों की सही कंडीशन के लिए 11 मानक भी निर्धारित किए हैं. साथ ही बैंकों को नोट सॉर्टिंग मशीनों के बजाय नोट फिट सॉर्टिंग मशीनों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि एक फिट नोट वह होता है जो जेन्यूइन हो, क्लिर यानी साफ सुथरा हो ताकि इसके वैल्यु का आसानी से पता लगाया जा सके और इसका रिसाइक्लिंग में भी इस्तेमाल किया जा सके. वहीं, अनफिट नोट वह है जो अपनी फिजिकल कंडीशन के कारण रीसाइक्लिंग के लिए उपयुक्त नहीं होता, कई अनफिट नोट चेन ऐसे हैं जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया गया है.
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया कि नोट प्रोसेसिंग मशीन/नोट सॉर्टिंग मशीन समय-समय पर नोटों के प्रमाणिकता की जांच करेगी. कोई भी नोट जिसमें असली नोट की सभी विशेषताएं नहीं पाई जाती हैं, उसे मशीन द्वारा संदिग्ध/अस्वीकार के रूप में क्लासिफाइड किया जाएगा.
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