बिकारु कांड: उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद अब विकास दुबे के रिश्तेदारों की संपत्तियों को सील करने का काम शुरू हो गया है. आधिकारिकों की जानकारी के मुताबिक अब तक विकास दुबे के परिवार या रिश्तेदारों की 50 करोड़ रुपये तक की संपत्ति को सील कर […]
बिकारु कांड: उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद अब विकास दुबे के रिश्तेदारों की संपत्तियों को सील करने का काम शुरू हो गया है. आधिकारिकों की जानकारी के मुताबिक अब तक विकास दुबे के परिवार या रिश्तेदारों की 50 करोड़ रुपये तक की संपत्ति को सील कर दिया गया है. तहसील सभागार में पंचायत भवन में रखे गए करीब 653 बोरी खाद्यान्न की भी नीलामी की गई है. बता दें कि जब्त की गई ज्यादातर संपत्तियां कृषि की जमीन हैं. वहीं तहसीलदार बिल्हौर ने थाने के ‘मलखाना’ में सारी चाबियां सील करके जमा करवा दी है.
गौरतलब है कि जिलाधिकारी नेहा शर्मा की कोर्ट ने मारे गए अपराधी विकास दुबे की कानपुर, लखनऊ और कानपुर देहात में तकरीबन 67 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था. अदालत ने तहसीलदार बिल्हौर को रिसीवर बनाया गया था. तहसीलदार ने विकास दुबे और उनके पिता राम कुमार दुबे, पत्नी ऋचा दुबे एंव विकास दुबे के बेटे शांतनु दुबे, आकाश दुबे और बहनोई दिनेश कुमार तिवारी, बहन चंद्रकांति, रेखा दुबे और एक करीबी गोविंद सैनी की संपत्तियों को सील कर दिया गया है. पुलिस ने गैंगस्टर और उसके परिवार वालों के घरों में ताला लगा दिया है.
तहसीलदार बिल्हौर, लक्ष्मी नारायण बाजपेयी ने बताया कि खोदान, बासेन,रामपुर साखरेज,बिकरू, भिती, सकरवा में कृषि भूमि और चौबेपुर कलां और मालौ में भूखंडों को सील कर दिया गया है. चारों ओर लाल रिबन से लकड़ी के लट्ठे लगाकर कृषि भूमि को सील कर दिया गया है. इसी तरह दो कार, ट्रॉली, थ्रैशर,दो ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, रोटावेटर, कल्टीवेटर सहित 10 वाहनों को सील कर चौबेपुर थाने भेज दिया गया है.
इस बीच क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी हेमंत कुमार ने बताया कि नीलामी प्रक्रिया में 608 बोरी गेहूं और 45 बोरी चावल 1.5 लाख रुपए में नीलाम किया गया है. बाजार में अनाज की कीमत आठ लाख रुपये थी, लेकिन खराब रख-रखाव के कारण उन्हें घाटे में बेचा गया. जिसकी के कारण भारी नुकसान हुआ है.
कानपुर देहात और लखनऊ में जल्द ही रिमाइंडर भेजे जाएंगे ताकि बची हुई संपत्तियों की भी नीलामी की जा सके. बता दें कि 3 जुलाई, 2020 को आठ पुलिस कर्मियों के नरसंहार के मुख्य आरोपी विकास दुबे को घटना के एक हफ्ते बाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में विकास का एनकाउंटर में मार गिराया गया था.
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