बीमार महिला के लिए फरिश्ता बने CRPF के जवान, स्ट्रेचर पर 7 किलोमीटर पैदल चल पहुंचाया अस्पताल

सीआरपीएफ के जवानों ने मानवता की ऐसी मिसाल कायम की है कि उसे जानकर आप भी दिल से सलाम करेंगे. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में तेज बुखार से कराह रही महिला को सीआरपीएफ के जवानों ने स्ट्रेचर पर लादकर सात किलोमीटर दुर्गम रास्ता पैदल पार किया और अस्पताल में भर्ती कराकर ही दम लिया.

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बीमार महिला के लिए फरिश्ता बने CRPF के जवान, स्ट्रेचर पर 7 किलोमीटर पैदल चल पहुंचाया अस्पताल

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  • September 4, 2017 2:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
भुवनेश्वर. सीआरपीएफ के जवानों ने मानवता की ऐसी मिसाल कायम की है कि उसे जानकर आप भी दिल से सलाम करेंगे. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में तेज बुखार से कराह रही महिला को सीआरपीएफ के जवानों ने स्ट्रेचर पर लादकर सात किलोमीटर दुर्गम रास्ता पैदल पार किया और अस्पताल में भर्ती कराकर ही दम लिया. 
 
सच कहें तो बुखार से पीड़ित महिला के लिए सीआरपीएफ के जवानों ने मसीहा का काम किया है. दरअसल, बस्तर के दुर्गम इलाके में नक्सिलियों के खिलाफ ऑपरेशन के बाद सीआपीएफ की टुकड़ी लौट रही थी, तभी उन्होंने नोटिस किया कि एक महिला अधमरी अवस्था में पड़ी हुई है और मदद की गुहार लगा रही है. साथ ही उसके अगल-बगल उसके दो बच्चे रो रहे थे. 
 
उस महिला का घर गांव से काफी दूर था. यानी कि उसका घर पहाड़ियों से घिरा था. वहां से महिला को अस्पताल पहुंचाना इतना आसान हीं था. एक समय तो जवानों ने उसे एयरलिफ्ट करने की सोची, मगर पहाड़ से घिरे होने की वजह से ऐसा करना मुश्किल था. अब जवानों के सामने एक ही रास्ता था अस्पताल पहुंचाने का. वो भी पैदल. 
 
इसके बाद जवानों ने खुद से लकड़ियों का स्ट्रेचर बनाया और उस पर पीड़ित महिला को सुला दिया. जवानों ने महिला के बच्चों को कंधे पर रखा और स्ट्रेचर उठाकर उसे जिंदगी देने के लिए अस्पताल के लिए निकल गये. दुर्गम इलाकों से होकर, पहाड़ और नदियों को पार कर लगभग सात किलोमीटर पैदल चलकर जवानों ने सफर तय किया और सड़क वाले गांव पहुंचे.  
 
एक गांव पहुंचने के बाद सीआरपीएफ के जवानों ने एंबुलेंस मंगवाई और उस महिला को अस्पताल में भर्ती कराया. बताया जा रहा है कि उस महिला का इलाज चल रहा है और उसकी सेहत में सुधार बताया जा रहा है. पीड़िता अभी भी जवानों की देखरेख में है. इस तरह से सीआरपीएफ के जवानों ने उस महिला के लिए देवदूत का काम किया. 
 

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