अवैध प्रवासी रोहिंग्या मुस्लिम मामला: अंतरिम आदेश देने से SC का इनकार, अगली सुनवाई 11 सितंबर

अवैध प्रवासी रोहिंग्या मुसलमानों को म्यामांर में वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 11 सितंबर को अब इस मामले की सुनवाई करेंगे

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अवैध प्रवासी रोहिंग्या मुस्लिम मामला: अंतरिम आदेश देने से SC का इनकार, अगली सुनवाई 11 सितंबर

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  • September 4, 2017 11:18 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. अवैध प्रवासी रोहिंग्या मुसलमानों को म्यामांर में वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 11 सितंबर को अब इस मामले की सुनवाई करेंगे.
 
साथ ही सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई पर सुनवाई को तैयार हो गया है, जिसमें अवैध प्रवासी रोहिंग्या मुसलमानों को म्यामांर में वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को कहा कि याचिका की कॉपी केंद्र सरकार को देने को कहा और केंद्र सरकार को पक्ष रखने को कहा. 
 
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि जब तक मामले की सुनवाई नही हो जाती तब तक केंद्र सरकार को कहा जाए कि अवैध प्रवासी रोहिंग्य मुसलमानों को म्यामां में वापस न भेजे लेकिन कोर्ट ने कहा कि सोमवार को सुनवाई करेंगे. केंद्र सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने कहा की अभी इस मामले में हम कोई भी स्टेटमेंट नही देंगे. केंद्र सरकार ने कहा वो मामले की सुनवाई के दौरान अपना पक्ष देंगे. 
 
 
याचिका में कहा गया है कि रोहिंग्याओं को उनके देश भेजने के सरकार के फैसले पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है. दो रोहिंग्याओं की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि म्यामांर में उन पर केस चल रहा है और उन्हें वापस उनके देश भेजना अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन है. 
 
एनएचआरसी ने केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है. गौरतलब है कि रोहिंग्या म्यामां में हिंसा के बाद भारत भागकर आ गए हैं और यहां जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, यूपी और दिल्ली व एनसीआर के अलावा राजस्थान में रह रहे हैं.
 
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजुजु ने 9 अगस्त को संसद में कहा था कि यूएनएचसीआर में मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 14 हजार रोहिंग्या रजिस्टर्ड हैं जो भारत में रह रहे हैं. लेकिन करीब 40 हजार रोहिंग्या भारत में अवैध तरीके से रह रहे हैं. तमाम राज्यों को पत्र भेजकर कहा गया था कि पिछले कुछ दशकों में आंतकवाद बड़ी समस्या हो गई है और दुनिया भर के देश इससे जूझ रहे हैं.
 
 
अवैध माइग्रेंट के आंतकी संगठनों में भर्ती किए जाने की संभवना होती है. केंद्र ने राज्यों निर्देश दिया था कि वह अवैध तरीके से रहने वाले निदेशी नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करें और उन्हें वापस भेजने के लिए टास्क फोर्स बनाएं.

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