नई दिल्ली : खेल मंत्री और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और पार्श्वनाथ डेवलपर्स के बीच फ्लैट को लेकर समझौता नहीं हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स को राज्यवर्धन राठौड़ का पैसा वापस करने का आदेश दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने बताया कि उन्होंने कुछ पैसे राज्यवर्धन राठौड़ को पहले दे दिए हैं और कुछ पैसों का उन्होंने चेक दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स को कहा कि अगर चेक समय सीमा के भीतर कैश नहीं हुए तो डायरेक्टर पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा. इतना ही नहीं जुर्माना भी लगाया जाएगा.
कोर्ट ने राज्यवर्धन राठौड़ को कहा कि अगर पैसे कैश यही होते तो केस की फिर से सुनवाई के लिए वो अर्जी दाखिल कर सकते हैं. कोर्ट ने याचिका का निस्तारण किया.
इससे पहले कोर्ट ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के मामले में पार्श्वनाथ बिल्डर और कोर्ट कमिश्नर से मिलकर आपसी बातचीत कर कोई हल निकालने की कोशिश करने के लिए कहा था, लेकिन राठौड़ ने कोर्ट को बताया कि फ्लैट उनके मुताबिक नहीं है इसलिए वो अपना पैसा वापस चाहते हैं.
राठौड़ ने साल 2006 में पार्श्वनाथ के गुड़गांव स्थित एग्जोटिका प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था. इसके लिए उन्होंने 70 लाख रुपये दिए थे. फ्लैट पर 2008-2009 में कब्जा मिलना था. जनवरी में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को ब्याज के साथ मूलधन वापस करने का आदेश दिया था. साथ ही मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस फैसले को पार्श्वनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.