मुंबई : केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के साइलेंस जोन पर फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, मंगलवार को गणेश विसर्जन है ऐसे में केंद्र सरकार ने आज ही सुनवाई की मांग की है.
अगर हाईकोर्ट का साइलेंस जोन बरकरार रखने का फैसला बरकरार रहा तो भक्तों को गणेश विसर्जन में दिक्कत हो सकती है, गौरतलब है कि शुक्रवार को ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों में बदलाव करने वाली केंद्र सरकार के कदम पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
इस रोक के बाद अब सभी अस्पतालों, धार्मिक स्थलों, स्कूल-कॉलेज के 100 मीटर के दायरे वाला क्षेत्र शांत क्षेत्र या साइलेंस जोन बना रहेगा. दरअसल बीएमसी ने मुंबई में 1500 से जगहों का शांत क्षेत्र घोषित कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले को कानून और राजनीतिक हलकों में केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के लिए करारा झटका माना जा रहा है.
वर्ष 2000 के ध्वनि प्रदूषण संबंधी नियमों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलाव को हाई कोर्ट ने असंवैधानिक मानते हुए प्रथम दृष्टया इसे संविधान के अनुच्छेद 21 व 14 के विपरीत बताया है. हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार ने कानून में बदलाव करते समय जनहित से जुड़े सिद्धांत का पालन नहीं किया है. पर्यावरण कानून के तहत इसे अनिवार्य किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने इसका पालन नहीं किया.
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जस्टिस अभय ओक की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक को गरिमा व सुख से रहने का अधिकार है. तेज आवाज सुनने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता और इससे अनेक नागरिक असाध्य रोगों और बीमारियों का शिकार हो जाते हैं.
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