बीजिंग : चीन में हो रहे पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शांति और विकास पर जोर देने की बात कही. पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में कहा कि शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग बहुत जरूरी है.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘शांति के लिए आपसी सहयोग की जरूरत है. हमारा मिशन गरीबी को हटाना, स्वास्थ्य, सफाई, कौशल, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, शिक्षा सुनिश्चित करना है.’
इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा का मुद्दा भी ब्रिक्स सम्मेलन में उठाया. पीएम मोदी ने कहा, ‘ब्रिक्स बैंक ने विकास के लिए कर्ज देना शुरू किया है. ब्रिक्स के पांच देश समान स्तर के हैं. ब्रिक्स देशों पर बदलाव की बड़ी जिम्मेदारी है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है. हमारी सरकार डिजिटल इंडिया पर जोर दे रही है.
वहीं सम्मेलने शुरू होने से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सुर बदले हुए लग रहे थे. सम्मेलन के शुरू होने से पहले शी जिनपिंग ने कहा था कि ब्रिक्स देशों को ज्वलंत मुद्दों के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा था कि हम ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. बता दें कि पांच देशों का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो गया है.
शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया. लेकिन कहा कि मुद्दों के हल का आधार शांति और विकास होना चाहिए क्योंकि विश्व संघर्ष और टकराव नहीं चाहता. उनकी यह टिप्पणी भारत और चीन के बीच 75 दिनों तक चले डोकलाम विवाद और उत्तर कोरिया के हाल के परमाणु परीक्षण के मद्देनजर महत्वपूर्ण है. चीन ब्रिक्स समिट के दौरान उत्तर कोरिया को लेकर विवाद नहीं चाहता और इसी वजह से उसने परमाणु परीक्षण की निंदा करने में देर नहीं की.