नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में कैबिनेट मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में धर्मेंद्र प्रधान ने शपथ पत्र को गलत पढ़ दिया. जिसके बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बीच में रोकते हुए उन्हें दोबारा गलती वाले लाइन से शपथ पत्र पढ़ने के लिए कहा. दरअसल धर्मेंद्र प्रधान को ‘प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित’ बोलना था लेकिन वे अटकते हुए उसको समुचित पढ़ दिया.
जिसके बाद राष्ट्रपति ने पूरी लाइन पढ़ते हुए उन्हें दोबारा पढ़ने को कहा. धर्मेंद्र प्रधान अभी तक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे, लेकिन अब उन्हें प्रमोट कर कैबिनेट में शामिल किया गया है.
राष्ट्रपति भवन में 10.30 बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम शुरू हुआ था. जिसमें सबसे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. उसके बाद पीयूष गोयल ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ग्रहण किए. इससे पहले वे स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री थे. निर्मला सीतारमण, मुख्तार अब्बास नकवी, शिवप्रताप शुक्ल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
जबकि बिहार से सांसद अश्विनि कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, अनंत कुमार हेगड़े. आर के सिंह, हरदीप सिंह पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह और अल्फोंस कन्नाथनम ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली.
बता दें कि मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले बीजेपी के के 6 मंत्री इस्तीफा दे दिए थे. इस्तीफा देने वालों में राजीव प्रताप रूडी, महेंद्र पांडे, कलराज मिश्र, संजीव बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते, उमा भारती और बंडारू दत्तात्रेय हैं. इसके अलावा ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं. इसमें रेल मंत्रालय सबसे आगे है.