नई दिल्ली. मोदी कैबिनेट में रविवार सुबह बड़ा फेरबदल होने जा रहा है. इस फेरबदल को बीजेपी के 2019 के चुनावी अभियाने के नजर से भी देखा जा रहा है. मतलब की अब 2019 की चुनावी रण के लिए मोदी टीम बनने जा रही है. सूत्रों की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में 9 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं. राष्ट्रपति भवन में सुबह 10:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा, जहां नए मंत्रियों की शपथ दिलाई जाएगी.
जिन चेहरों पर सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है, वो 9 ऐसे नेता हैं जो अलग-अलग क्षेत्र से आते हैं और जिनका योगदान भी राजनीति में काफी सक्रिय रहा है. इनकी प्रोफाइल को देखकर ऐसा लग रहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने इनके कामकाज, तजुर्बे और राजनीतिक बैकग्राउंड को देखकर ही मंत्रिमंडल में शामिल करने का मन बनाया है. तो चलिए इन नामों पर एक झलक मारते हैं.
अनंतकुमार हेगड़े
अनंतकुमार हेगड़े कनार्टक से लोकसभा सांसद हैं. वे विदेश और मानव संसाधन मामलों पर बनी संसदीय समिति के सदस्य भी हैं. लोकसभा सांसद के तौर पर यह उनका 5वां कार्यकाल है. खास बात ये है कि हेगड़े पहली बार 28 साल की उम्र में सांसद बने थे. अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान वो वित्त, गृह, मानव संसाधन, वाणिज्य कृषि और विदेश विभाग के सदस्य रह चुके हैं.
अश्विनी चौबे
अश्विनी चौबे बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता हैं. वो बिहार के बक्सर से सांसद हैं. वे बिहार विधानसभा में लगातार 5 बार विधायक रहे. बिहार में 8 साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जनस्वास्थ्य, इंजिनियरिंग जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाली. पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे चौबे ने जेपी आंदोलन में भी सक्रिय भुमिका निभाई थी. अश्विनी चौबे को ‘घर-घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा बिटिया का कन्यादान’ के नारे के लिए भी जाना जाता है.
आर के सिंह
आर के सिंह उर्फ राज कुमार सिंह बिहार के आरा से लोकसभा सांसद हैं. आर के सिंह 1975 बैच (बिहार कैडर) के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. वह भारत के गृह सचिव भी रह चुके हैं. अपने शानदार करियर में आर के सिंह कई विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. इन्होंने पुलिस और जेल आधुनिकीकरण और आपदा प्रबंधन के लिए ढांचा तैयार करने के लिए में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
सत्यपाल सिंह
सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से लोकसभा सांसद हैं. सत्यपाल सिंह आंतरिक मामलों पर बनी संसदीय स्थाई समिति के सदस्य हैं और ऑफिसेज ऑफ प्रॉफिट पर बनी संयुक्त कमिटी के चेयरपर्सन हैं. सत्यपाल सिंह महाराष्ट्र कैडर से 1980 बैच के आईपीएस हैं. इनका जन्म बागपत के बसौली गांव में हुआ था। इन्होंने रासायन विज्ञान में एमएससी और एमफिल किया है.
गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सांसद हैं. वह वित्तीय मामलों पर बनी संसदीय समिति के प्रमुख भी हैं. वह अपनी साधारण जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं. वे खेलों के काफी शौकीन रहे हैं. यही वजह है कि वे अभी ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स के सदस्य हैं। इसके साथ ही वह बास्केटबॉल इंडिया प्लेयर्स असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं.
हरदीप सिंह पुरी
हरदीप सिंह पुरी रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) के प्रेसिडेंट हैं. वे 1974 के बैच के पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी रह चुके हैं. इन्हें विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के जानकार के रूप में जाना जाता है. इनकी पढ़ाई दिल्ली के हिंदू कॉलेज से हुई है. बताया जाता है कि वे जेपी आंदोलन में भी सक्रिय थे.
वीरेंद्र कुमार
वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टिकमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं. वह मजदूर के मामलों पर बनी संसदीय समिति के प्रमुख भी हैं. वीरेंद्र कुमार 6 बार से लोकसभा सदस्य हैं. ये दलित समुदाय से आते हैं. ये भी जेपी आंदोलन के समय जुड़े थे. वे इकनॉमिक्स में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी कर चुके हैं.
अलफोंस कन्नाथन
अलफोंस केरल काडर के 1979 बैच के आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं. वह डीडीए के कमीशनर भी रह चुके हैं. वह पेशे से वकील भी हैं. आईएएस से रिटायर होने के बाद अल्फोन्स केरल के कन्जिराप्पल्ली से निर्दलीय विधानसभा सदस्य चुने गए. वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 का फाइनल ड्राफ्ट बनाने वाली समिति के भी सदस्य रहे हैं. इन्होंने ‘मेकिंग अ डिफरेंस’ नामक पुस्तक भी लिखी है.
शिव प्रताप शुक्ला
शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. वह संसदीय समिति (ग्रामीण विकास) के सदस्य भी हैं. 1989 से 1996 तक लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. इतना ही नहीं, यूपी सरकार में आठ साल तक कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इनकी कानून की पढ़ाई गोरखपुर विश्वविद्यालय से हुई है.