उद्धव ठाकरे बोले- मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर BJP से नहीं हुई बातचीत

मोदी मंत्रीमंडल का विस्तार रविवार सुबह 10 बजे होना है, उससे पहले एनडीए में खटपट शुरू हो गई है. एनडीए की सहयोही पार्टी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि रविवार को केंद्र के मंत्रीमंडल में होने वाले फेरबदल में पार्टी के सदस्यों को शामिल किए जाने को लेकर बीजेपी से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है.

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उद्धव ठाकरे बोले- मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर BJP से नहीं हुई बातचीत

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  • September 2, 2017 1:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
मुंबई: मोदी मंत्रीमंडल का विस्तार रविवार सुबह 10 बजे होना है, उससे पहले एनडीए में खटपट शुरू हो गई है. एनडीए की सहयोही पार्टी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि रविवार को केंद्र के मंत्रीमंडल में होने वाले फेरबदल में पार्टी के सदस्यों को शामिल किए जाने को लेकर बीजेपी से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है. ठाकरे ने कहा कि मंत्रीमंडल विस्तार की जानकारी मुझे मीडिया द्वारा ही पता चली है. मैंने इस बारे में किसी से कोई जानकारी नहीं ली. मोदी सरकार की तरफ से मेरे से किसी ने भी सम्पर्क भी नहीं किया. विस्तार को लेकर हमें किसी का फ़ोन भी नहीं आया. ठाकरे ने कहा कि हम सत्ता के लिए लाचार नहीं है.
 
ठाकरे के बयान से साफ लग रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवसेना बीजेपी से नाराज है. ठाकरे ने आगे कहा कि आज सभी का ध्यान मंत्रिमंडल विस्तार पर लगा हुआ है लेकिन हमारा ध्यान मुंबई के लोगों के स्वास्थ्य पर लगा हुआ है. शिवसेना सिर्फ लोगों के लिए काम करती है. हम 80 फीसदी समाजकारण करते हैं और 20 फीसदी ही राजकारण करते हैं. शिवसेना यही काम पिछले 50 साल से करती आयी है.
 
ठाकरे ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि बारिश के वजह जो मुंबई की जो स्थिति है उसका क्या ? क्या अन्य कोई एजेंसी इसकी जवाबदारी लेगी या नहीं ? वहीं एक तरह से उद्धव ने बीएमसी को बचाव करते हुए राज्य सरकार पर भी निशाना साधा. ठाकरे ने कहा कि मुंबई की हालत के लिए केवल बीएमसी को नहीं एमएमआरडीए और अन्य एजेंसियों को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. बता दें कि 3 सितंबर यानी रविवार को मोदी कैबिनेट में तीसरा फेरबदल होने जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण होगा. इस बाबत राष्ट्रपति भवन को भी सूचित किया जा चुका है. मोदी कैबिनेट के इस फेरबदल को 2019 के लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में उन चेहरों को जगह मिल सकती है जिनके राज्य में एक या फिर दो साल में विधनसभा चुनाव होने वाले हैं.
 

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