रेपिस्ट राम रहीम के बाद ये हो सकते हैं डेरा सच्चा सौदा के वारिस

नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा की आड़ में पाप की लंका चलाने वाला बाबा राम रहीम तो 20 साल के लिए सलाखों के पीछे चला गया पर अब सवाल है कि उसकी अरबों खरबों की संपत्ति का वारिस कौन होगा. राम रहीम के बाद अब डेरा प्रमुख की गद्दी कौन संभालेगा. अनुमान है कि बाबा की घोषित और बेनामी संपत्ति का आंकड़ा हजार करोड़ के भी पार जा सकता है.
डेरा सच्चा सौदा में बाबा के बाद सबसे प्रभावशाली और ताकतवर हस्ती हनी प्रीत को ही माना जाता है और राम रहीम के वारिस के रूप में हनी का नाम ही सबसे ऊपर चल रहा है. हनी प्रीत को बाबा राम रहीम की भी पहली पसंद बताया जाता है पर हनी के नाम पर बाबा की फैमिली में कोहराम मचा हुआ है.
हनी प्रीत की दावेदारी पर सवाल खड़े करने वाले भूपिंदर गोरा बाबा राम रहीम के रिश्तेदार हैं. भूपिंदर की चचेरी बहन की शादी बाबा के बेटे जसमीत से हुई है. भूपिंदर खुद सात साल तक डेरा के अनुयायी रह चुके हैं लेकिन उत्तराधिकार की लड़ाई को लेकर भूपिंदर ने इंडिया न्यूज पर ऐसे ऐसे खुलासे किए जिनसे साफ है कि राम रहीम के परिवार में हनी प्रीत के खिलाफ कितनी ज्यादा हिकारत है.
हनी प्रीत की दावेदारी को ठुकराते हुए बाबा के परिवार ने राम रहीम के बेटे जसमीत इंसां को डेरा सच्चा सौदा का उत्तराधिकारी चुनने का मन बना लिया है. राम रहीम के पैतृक गांव गुरुसरमोडिया में परिवार की बैठक हुई, जिसमें जसमीत को डेरा प्रमुख चुने जाने पर सहमति बनी.
नया डेरा चीफ तय करने के लिए हुई इस बैठक को पूरी तरह गोपनीय रखा गया. बैठक में राम रहीम की मां नसीब कौर, पत्नी हरजीत कौर और बेटा जसमीत शामिल हुए लेकिन इसमें राम रहीम की दोनों बेटियां और गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत मौजूद नहीं थी.
बाबा रहीम ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं पर खबर है कि उत्तराधिकारी के मुद्दे पर बाबा के बेटा-बेटी और दामाद समेत परिवार के छह लोग जेल में राम रहीम से मिलने वाले हैं.
बाबा राम रहीम के पिता का नाम मगहर सिंह और मां का नाम है नसीब कौर. गुरमीत राम रहीम की पत्नी हैं हरजीत कौर जिनकी चार संतानें हैं. बेटा जसमीत इंसां जिसे डेरे का उत्तराधिकारी बनने का बड़ा दावेदार माना जा रहा है. परिवार के बाकी सदस्यों में चरणप्रीत बाबा रहीम की बड़ी बेटी हैं जबकि अमरप्रीत छोटी बेटी हैं. इनके अलावा हनी प्रीत राम रहीम की दत्तक पुत्री यानी गोद ली हुई बेटी है.
मोटे तौर पर राम रहीम के परिवार के इन्हीं सदस्यों के बीच उत्तराधिकार का घमासान छिड़ा हुआ है और इन्हीं में से कोई एक चुना जाएगा डेरा सच्चा सौदा का अगला वारिस. जहां तक जसमीत की दावेदारी का सवाल है तो बाबा राम रहीम ने दस साल पहले 2007 में ही उसे उपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था.
डेरे का ही एक नियम जमसीत की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है जिसके मुताबिक डेरा प्रमुख के परिवार का सदस्य डेरा का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता. लेकिन राम रहीम के परिवार के ज्यादातर सदस्य जसमीत के समर्थन में दिख रहे हैं. जसमीत के अलावा हनी प्रीत के दावे को भी काफी मजबूत माना जा रहा है.
शादी शुदा होते हुए भी हनी और बाबा राम रहीम के रिश्ते पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. करीबी इतनी ज्यादा है कि राम रहीम के जेल जाते वक्त भी हनी प्रीत हेलिकॉप्टर में बाबा के साथ थी. सूत्रों की मानें तो परिवार के सदस्य के डेरा प्रमुख न बनने का नियम भी हनीप्रीत के उत्तराधिकार के आड़े नहीं आता पर राम रहीम के परिवार में ही हनी प्रीत के नाम पर जबरदस्त विरोध है. जिसे दरकिनार करना बाबा के लिए भी आसान नहीं होगा.
उत्तराधिकार की लड़ाई में तीसरा नाम है ब्रह्मचारी विपसना का जिन्हें डेरे में गुरमीत राम रहीम के बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है. विपसना डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन हैं. विपसना ने डेरा के गर्ल्स कॉलेज से ही ग्रेजुएशन किया है. विपसना के पास 250 लोगों की टीम है. ब्रह्मचारी विपसना सालों से डेरा की सामाजिक गतिविधियां देखती आ रही हैं. वो गुरमीत के करीब होने के साथ साथ परिवार की सदस्य भी नहीं हैं इसलिए उत्तराधिकारी के तौर पर उनका दावा भी काफी मजबूत माना जा रहा है.
कुल मिलाकर बाबा राम रहीम की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति की लड़ाई इन्हीं तीन चेहरों के इर्द गिर्द घूम रही है. यानी जसमीत, हनीप्रीत और ब्रह्चारी विपसना में से ही किसी एक को डेरा सच्चा सौदा का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है लेकिन डेरा प्रमुख के चुनाव को लेकर कुछ शर्तें पहले से तय हैं.
डेरा प्रमुख के वंश का कोई बालिग सदस्य ही डेरे का अगला प्रमुख होगा. सिरसा के डेरा सच्चा सौदा की ओर से 12 अगस्त 2004 को वेलफेयर ट्रस्ट बनाया गया था. जिसका पंजीकरण नंबर 5234 है. इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को ट्रस्ट का संरक्षक घोषित किया गया है.
ट्रस्ट की डीड के मुताबिक अगर डेरा प्रमुख के वंश में से कोई पुरुष सदस्य नहीं मिलता है या फिर वो खुद गद्दी लेने से मना कर देता है तो ट्रस्टी दो तिहाई बहुमत के साथ किसी दूसरे को डेरा प्रमुख बना सकते हैं पर बाबा के परिवार के सदस्य भूपिंदर की मानें तो राम रहीम को डर है कि अगर उसने अपना उत्तराधिकारी बना दिया तो उसे कोई नहीं पूछेगा और वो जेल में ही सड़ता रहेगा इसलिए वो किसी को उत्तराधिकारी बनाने की बजे हनीप्रीत के जरिये या अपने खास लोगों के ट्रस्ट के जरिये ही डेरा को चलाएगा.
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