रिपोर्ट्स के मुताबिक नॉन परफारमेंस के आधार पर जिन मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी होने वाली है उनमें राजीव प्रताप रुडी का नाम था, उमा भारती, संजीव बलियान, गिरिराज सिंह और कलराज मिश्र का नाम था. परफॉरमेंस और मिशन 2019 दोनों के हिसाब से ये मंत्री बने पैमाने पर खरे नहीं उतरे थे. यही वजह है पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इन्हें बाहर करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा था. सूत्र बता रहे हैं कि जिन मंत्रियों काम-काज ठीक नहीं रहा है उनकी छुट्टी हो सकती है और ऐसे मंत्रियों की संख्या 12 के आसपास मानी जा रही है. खबर ये है कि सरकार ने सभी मंत्रालयों की एक इंटरनल रिपोर्ट तैयार करवाई है और इस रिपोर्ट में अलग-अलग मंत्रालयों और मंत्रियों के काम-काज का ब्योरा है.
बता दें कि 2 सितंबर को कैबिनेट विस्तार हो सकता है. गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से कई केंद्रीय मंत्रियों ने मुलाकात की. जिसके बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज हो गई थी. बताया जा रहा है कि बीजेपी संगठन से राम माधव और भूपेंद्र यादव को मंत्री बनाये जाने की चर्चा है. मंत्रिमंडल विस्तार, संगठन फेरबदल और 7 राज्यो के राज्यपालों की सूची भी तैयार होगी. इनमें लालजी टंडन, विजय कुमार मल्होत्रा, कैलाश जोशी, सीपी ठाकुर, आनंदी बेन पटेल सहित 7 नेताओ को राज्यपाल बनाये जाने की संभावना है. मिली रिपोर्ट के मुताबिक AIADMK, नीतीश कुमार की जेडीयू और शिवसेना से भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. मोदी मंत्रिमंडल में AIADMK के 2 केबिनेट और 2 राज्यमंत्री बन सकते हैं. इनमें थंबीदुरई, मैत्रेयी, वेणुगोपाल के मंत्री बनने की संभावना हैं. वहीं जेडीयू के दो सांसद मंत्री बन सकते हैं और शिवसेना से आनंदराव अडसुल भी मंत्री बन सकते हैं. अभी तक शिवसेना से मात्र अनंत गीते मंत्री हैं.
मनोहर पर्रिकर के गोवा का सीएम बनने, वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने और अनिल दवे के निधन के बाद नगर विकास, सूचना प्रसारण, पर्यावरण और रक्षा जैसे 4 अहम मंत्रालय अतिरिक्त प्रभार पर चल रहे हैं. इसके अलावा ठीक काम ना करने वाले कुछ मंत्रालयों में फेरबदल को मिला दें, तो ठीक-ठाक संख्या में बदलाव होना है.