बेंगलुरु. इसरो (ISRO) आज पहली बार प्राइवेट कंपनियों की मदद से बने किसी सैटेलाइट को लांच करेगा. इस सैटेलाइट का नाम आईआरएनएसएस-1 एच (IRNSS-1H) रखा गया है. इसरो शाम 6.59 बजे इसे अपने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी 39 रॉकेट की मदद से छोड़ेगा.
आईआरएनएसएस-1एच नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए की जगह लेगा, जिसकी तीन रूबीडियम परमाणु घडिय़ों (एटॉमिक क्लॉक) ने काम करना बंद कर दिया था. आईआरएनएसएस-1ए ‘नाविक’ श्रृंखला के सात उपग्रहों में शामिल है.
IRNSS-1H की असेंबलिंग और टेस्टिंग में निजी कंपनियों ने मदद की है. अब तक निजी कंपनियां का काम केवल सामान आपूर्ति तक ही सीमित था. इस सैटेलाइट के निर्माण में 25 प्रतिशत योगदान प्राइवेट कंपनियों के एक ग्रुप ने दिया. इस ग्रुप का नेतृत्व बेंगलुरु की अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजिज नाम की कंपनी कर रही है. इस समूह का छह कंपनियां शामिल हैं. हालांकि इस दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने मदद की.
इसरो चेयरमैन किरन कुमार ने बताया कि यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी सैटेलाइट निर्माण में शामिल हुई है. आगे चलकर और भी कंपनियों को शामिल किया जा सकता है.