पटना : पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को तेजाब कांड के मामले में मिली उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. हाईकोर्ट ने बुधवार को इस मामले में शहाबुद्दीन को मिली सजा को बरकरार रखा है. साल 2004 में हुए तेजाब कांड में सीवान की स्पेशल कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दो साल पहले उम्रकैद की सजा सुनाई थी, सजा के खिलाफ सीवान के पूर्व सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. फिलहाल शहाबुद्दीन इस मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. कोर्ट ने शहाबुद्दीन के वकील की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला 30 जून को सुरक्षित रख लिया था, जिसके बाद आज फैसला सुनाया गया. शहाबुद्दीन के अलावा पटना हाईकोर्ट ने राजकुमार साह, शेख असलम और मुन्ना मियां को मिली उम्रकैद की सजा को भी बरकरार रखा है.
क्या था मामला ?
तेजाब कांड 11 साल पुराना मामला है. जिसमें शहर के प्रमुख व्यावसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश का अपहरण कर शरीर पर तेजाब डाल कर उनकी हत्या कर दी गयी थी. इन दोनों का शव बरामद नहीं हो सका था. वहीं चंदा बाबू का तीसरा बेटा राजीव रोशन भागने में सफल हो गया था. इस मामले में राजीव रौशन गवाह थे, लेकिन गवाही के पहले उनकी भी हत्या कर दी गई.