नई दिल्ली: रेप केस में 20 साल की जेल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम पर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के ससुर महेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि उन्हें डेरा से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही है. दरअसल महेंद्र गुप्ता के बेटे विश्वास गुप्ता से हनीप्रीत की शादी हुई थी. विश्वास गुप्ता का आरोप है कि राम रहीम और उसकी पूर्व पत्नी हनीप्रीत के बीच पहले से नाजायज संबंध थे इसलिए राम रहीम ने सबके सामने हनीप्रीत को मुंह बोली बेटी करार दिया ताकि वो उसके साथ रह सके.
गौरतलब है कि हरियाणा के फतेहाबाद में रहने वाली प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत की शादी 14 फरवरी 1999 में हुई थी. राम रहीम ने खुद प्रियंका की शादी विश्वास गुप्ता से कराई थी. दोनों की शादीशुदा जिंदगी कुछ ही दिनों में खत्म हो गई. विश्वास गुप्ता ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी और राम रहीम के बीच नाजायज रिश्ते थे. उन्होंने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि मई 2011 में एक रात उन्होंने अपनी पत्नी को राम रहीम की गुफा में आपत्तिजनक हालत में खुद अपनी आंखों से देख लिया था.
बता दें कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में कोर्ट ने बीस साल की सजा सुनाई है. रेप के दोनों मामलों में कोर्ट ने राम रहीम को दस-दस साल की सजा सुनाई है. यानी गुरमीत राम रहीम को बीस साल की सजा सुनाई गई है.
ये सजा उन्हें अलग-अलग काटनी होगी. यानी दस साल सजा पूरी होने के बाद फिर उन्हें दस साल सजा काटनी होगी. राम रहीम पर कोर्ट ने 30 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है जिसमें से 14-14 लाख रूपये मतलब 28 लाख रूपये पीड़िताओं को दिए जाएंगे जिनके साथ राम रहीम ने कुकर्म किया. जबकि दो लाख रूपये कोर्ट में जमा होंगे.
हालांकि राम रहीम के वकीलों के मुताबिक वो कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. लेकिन फिलहाल कोर्ट के आदेश के मुताबिक 2037 तक राम रहीम को जेल की हवा खानी होगी. इससे पहले आज रोहतक जेल में ही लगी कोर्ट में सीबीआई के स्पेशल जज ने सजा के एलान से पहले दोनों पक्षों को अपना अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया था.
बता दें कि राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी.
एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई.