अर्ध सत्य: बलात्कार पीड़िता के दर्द और डर की पूरी कहानी सुनकर आपका दिल भी रो पड़ेगा

साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकुला की सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबा राम रहीम को दो रेप केस में 20 साल की सजा सुनाई है. दो केस में सजा मिलते ही बाबा के कारनामों का चिट्ठा परत दर परत खुलने लगा है. लेकिन ये केस कई तरह के सवाल खड़े करती है ?

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अर्ध सत्य: बलात्कार पीड़िता के दर्द और डर की पूरी कहानी सुनकर आपका दिल भी रो पड़ेगा

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  • August 29, 2017 4:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
 
नई दिल्ली: साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकुला की सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबा राम रहीम को दो रेप केस में 20 साल की सजा सुनाई है. दो केस में सजा मिलते ही बाबा के कारनामों का चिट्ठा परत दर परत खुलने लगा है. लेकिन ये केस कई तरह के सवाल खड़े करती है ?
 
इंडिया न्यूज शो ‘अर्ध सत्य’ में आज राम रहीम के कारनामों पर नजर डालेंगे. इस पूरे घटना को ध्यान से देखे तो कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सबसे पहला सवाल हाईकोर्ट क्यों बार-बार दे रहा था आदेश ? राम रहीम और उसके गुंडों को किसने दी छूट ? अरबों के डेरों, निजी सेना के बूते क्या करता था बाबा ? इन सवालों के बीच हम आज आपको बलात्कार पीड़िता के दर्द और डर की दहला देने वाली पूरी कहानी बताएंगे.
 
सीबीआई की चार्जशीट में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसकी एक्सक्लूसिव कॉपी इंडिया न्यूज के पास है. इस कॉपी को पढ़कर आप खुद अनुमान लगा लेंगे कि बाबा के नाम लोगों की जिंदगी के बरबाद करने वाले इस ढोंगी बाबा ने डेरा की आड़ में क्या-क्या किया ?
 
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक
 
चार्जशीट में लड़की ने गुफा का जिक्र करते हुए बताया कि ‘गुफा’ राम रहीम के रहने वाली जगह को कहा जाता था. जो कि जमीन के थोड़ा अंदर बनाई गई थी. वह कांच की थी. राम रहीम कथित रूप से वहीं पर लड़कियों का बलात्कार करता था.
 
साध्वी ने अपनी शिकायत में बताया कि बलात्कार का कोर्ड वर्ड वहां ‘माफी’ था. आगे लड़की ने बताया कि एक साध्वी ने उससे आकर कहा कि ‘पिताजी से उसको माफी’ मिलेगी. जब बाबा ने उस साध्वी को रात में अकेले बुलाया और धमकाकर उसका बलात्कार किया तब उसको समझ आया कि माफी का मतलब क्या था.
 
 
 बयान में यह भी कहा गया कि गुफा की देखरेख और रखवाली सिर्फ लड़कियों से ही करवाई जाती थी. वहां मौजूद हर शख्स एक दूसरे को प्रेमी के नाम से पुकारता था. रात के अंधेरे में बाबा के शीशमहल से जब भी कोई लड़की निकलकर हॉस्टल में आती थी तो दूसरी लड़कियां उससे पूछती थीं बाबा ने उसे माफ किया कि नहीं, ‘माफी’ शब्द हॉस्टल में बोलचाल की भाषा में यूज किया जाता था.
 
 
सीबीआई की चार्जशीट में साफ लिखा है कि रेप से पहले एक लड़की ने दूसरी लड़की से पूछा था कि माफी का मतलब क्या है ? तो दूसरी लड़की ने हंसकर टाल दिया था. गुफा में ‘माफी’ काफी रहस्मय शब्द था. 
 
 
‘माफी’ का राज कैसे खुला ?
 
साध्वी ने बताया कि 28/29 अगस्त 1999 को रात 8 बजे डेरा प्रबंधक ने कहा कि बाबा गुरमीत सिंह ने गुफा में बुलाया है. जब मैं गुफा में गई तो बाबा अकेले थे. बाबा ने दरवाजा बंद करने को कहा, मैं जमीन पर बैठ गई. बाबा ने बेड पर पास आकर बैठने को कहा.
 
जब मैं हिचकिचाई तो बाबा ने दबाव डाला तब बेड पर जाकर बैठ गई. सबसे पहले बाबा ने मुझसे डेरा में रहते हुए अपने अनुभव के बारे में पूछा फिर जिंदगी में की गई गलतियों के बारे में पूछा. फिर बाबा ने माथे पर किस किया और शरीर के साथ खेलना शुरु किया.
 
ये सब होने के पहले तक मैं बाबा को भगवान समझती थी. बाबा ने कहा वो खुद को भगवान मानते हैं इसलिए तुम्हारी हर चीज पर उनका अधिकार है. मेरे विरोध का कोई असर नहीं हुआ और बाबा ने मेरा रेप किया.
 
बाबा ने जैसे ही रेप के बाद कहा कि उसकी सारी गलतियां माफ हो गईं. लड़की का सिर चकरा गया क्योंकि अक्सर बाबा की गुफा से जब कोई लड़की रात को लौटकर आश्रम में आती थीं तो दूसरी लड़कियां उससे पूछती थीं कि बाबा ने तुम्हे माफ किया कि नहीं. ये था बाबा का ‘माफी-कांड’ .
 
गर्ल्स हॉस्टल में बाबा के माफ करने का मतलब होता था बाबा ने उसका रेप किया कि नहीं ?  अब तक माफी शब्द का मतलब ये लड़की समझ नहीं पाई थी लेकिन रेप के बाद जैसे ही बाबा ने कहा अब उसकी सारी गलतियां माफ हो गईं. बाबा के माफी-कांड का मतलब एक झटके में समझ गई.
 
बाबा के शीशमहल का सीक्रेट कोड माफी डिकोड हो चुका था. रेप के बाद बाबा ने मुझसे कहा कि बाहरी दुनिया में रहने की वजह से मैं अपवित्र हो गई थी. बाबा ये सब करके मतलब रेप करके पवित्र कर रहे थे. इसके बाद बाबा ने फिर कहा आज के बाद से तुम्हारी सारी गलतियों को माफ किया.

 

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