नई दिल्ली: गुजरात दंगों के दौरान धार्मिक स्थलों को हुए नुकसान की भरपाई के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार जनता के टैक्स के पैसों से किसी धार्मिक स्थान का निर्माण या मरम्मत नहीं कर सकती. हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सरकार मुआवजा देना चाहती है तो उसे मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे या चर्च को भवन मानकर उसकी क्षतिपूर्ति की जा सकती है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट गुजरात सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट के 2012 के फैसले को चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद राज्य में हुए दंगों में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों को लेकर राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया था.
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में दलील दी थी कि संविधान के अनुच्छेद 27 के तहत करदाता को ये अधिकार है कि उससे किसी धर्म को प्रोत्साहन देने के लिए टैक्स नहीं लिया जा सकता. ऐसे में धर्मस्थलों के निर्माण के लिए सरकारी खजाने से पैसा देना गलत होगा. गुजरात सरकार ने ये भी दलील दी कि 2001 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए धर्मस्थलों के लिए भी सरकार ने कोई मुआवजा नहीं दिया था.