नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा के मुखिया राम रहीम को बलात्कार के मामले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 10 साल बामशक्कत कैद की सज़ा सुना दी है. गुरमीत राम रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामलों में भी सुनवाई अंतिम दौर में है और दोनों मामले साध्वियों के रेप केस के साथ ही जुड़े रहे हैं तो क्या अब राम रहीम और उसके डेरे का द एंड हो गया है ? राम रहीम के डेरा से क्या अब भी किसी बड़ी साज़िश को अंज़ाम देने की कोशिश हो सकती है, आज इन्हीं सवालों पर होगी महाबहस.
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम ने 15 साल में बलात्कार के जिस केस से बचने के लिए दुनिया भर के हथकंडे आजमाए, आज उसी केस में राम रहीम को 20 साल के लिए कैद की सज़ा सुना दी गई. गवाहों को डराने-धमकाने से लेकर हत्या कराने तक के आरोप राम रहीम पर लगते रहे.
रेप केस का ट्रायल लटकाने के लिए उसने हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दुनिया भर की दलीलें दीं और सज़ा सुनाए जाने से पहले राम रहीम ने रो-रोकर रहम की भीख भी मांगी, लेकिन इंसाफ के तराजू पर राम रहीम के गुनाह का पलड़ा बहुत भारी साबित हुआ.
राम रहीम को दोषी तो 25 अगस्त को ही करार दिया जा चुका था. आज रोहतक में सुनारिया जेल में ही सीबीआई की स्पेशल कोर्ट लगाई गई. स्पेशल कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने राम रहीम और सीबीआई के वकीलों को सज़ा पर बहस करने को कहा. राम रहीम के वकीलों ने दुहाई दी कि राम रहीम के सामाजिक कार्यों के मद्देनजर सज़ा सुनाते समय अदालत नरमी बरते.
सीबीआई की तरफ से राम रहीम को अधिकतम सज़ा देने की मांग की गई थी. स्पेशल कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को साध्वियों के रेप और उनको जान से मारने की धमकी देने के जुर्म में उसे 20 साल कैद की सज़ा सुनाई. राम रहीम को अब रोहतक जेल में कैदी नंबर 1997 के रूप में ये सज़ा काटनी होगी.
रेप केस में फैसले वाले दिन राम रहीम के चेलों ने जमकर हिंसा और हंगामा किया था. सज़ा का एलान होते समय भी अंदेशा था कि राम रहीम के चेले उत्पात मचा सकते हैं, लिहाजा रोहतक कोर्ट कैंपस से लेकर सिरसा और पंचकुला तक सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है. राम रहीम को 20 साल की कैद का एलान होने के बाद सिरसा और पंचकुला में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने फ्लैग मार्च किया.
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