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लंबा गया राम रहीम: 2 रेप के लिए अलग-अलग 10 साल यानी टोटल 20 साल रहेगा जेल में

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कोर्ट से दस साल की नहीं बल्कि बीस साल की सजा सुनाई गई है. जानकारी के मुताबिक रेप के दोनों मामलों में कोर्ट ने राम रहीम को दस-दस साल की सजा सुनाई है.

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  • August 28, 2017 1:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

रोहतक: डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कोर्ट से दस साल की नहीं बल्कि बीस साल की सजा सुनाई गई है. जानकारी के मुताबिक रेप के दोनों मामलों में कोर्ट ने राम रहीम को दस-दस साल की सजा सुनाई है. यानी गुरमीत राम रहीम को बीस साल की सजा सुनाई गई है. सीबीआई के प्रवक्ता ने इस खबर की पुष्टि भी कर दी है 

ये सजा उन्हें अलग-अलग काटनी होगी. यानी दस साल सजा पूरी होने के बाद फिर उन्हें दस साल सजा काटनी होगी. राम रहीम पर  कोर्ट ने 30 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है जिसमें से 14-14 लाख रूपये मतलब 28 लाख रूपये पीड़िताओं को दिए जाएंगे जिनके साथ राम रहीम ने कुकर्म किया. जबकि दो लाख रूपये कोर्ट में जमा होंगे.

हालांकि राम रहीम के वकीलों के मुताबिक वो कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट  में चुनौती देंगे. लेकिन फिलहाल कोर्ट के आदेश के मुताबिक 2037 तक राम रहीम को जेल की हवा खानी होगी. इससे पहले आज रोहतक जेल में ही लगी कोर्ट में सीबीआई के स्पेशल जज ने सजा के एलान से पहले  दोनों पक्षों को अपना अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया.
 
 
सीबीआई की तरफ से पेश हुए वकील ने राम रहीम के लिए कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की जबकि बचाव पक्ष कम से कम सजा की मांग कर रहा था. इस दौरान राम रहीम जज से रहम की भीख मांगते नजर आए.
 
खुद को भगवान कहने वाला चिल्लाता रहा, कोई तो बचा लो…
 
सजा का एलान होने के बाद राम रहीम कोर्ट में हाथ जोड़कर जज से अपने लिए थोड़ी सी रिहायत मांगने लगा. राम रहीम जज के सामने गिड़गिड़ाते हुए अपने लिए रहम की भीख मांगता रहा. उसने कोर्ट रूम से बाहर जाने से भी मना कर दिया और लगातार जज से रिहायत मांगता रहा. 
 
इस दौरान सुरक्षाबल उसे कोर्ट रूम से जाने के लिए कहते रहे मगर वो टस से मस नहीं हुआ. सुरक्षाबलों ने आखिर में उसे चेतावनी दी कि अगर वो कोर्ट रूम से खुद बाहर नहीं निकला तो उसे जबरदस्ती बाहर निकाला जाएगा, राम रहीम फिर भी नहीं माना. इसके बाद सुरक्षाबलों ने घसीटते हुए उसे कोर्ट रूम के बाहर निकाला. खुद को भगवान का अवतार करने वाला राम रहीम इस दौरान चिल्लाता रहा, कोई तो मुझे बचा लो.
 
 
राम रहीम का ड्रामा यहीं नहीं रूका, जब उसके सारे पैंतरे खत्म हो गए त उसने कहा कि मुझे तुरंत चिकित्सा सुविधा चाहिए और अगर मुझे कुछ होता है तो राज्य सरकार इसकी जिम्मेदार होगी. 
 
सजा मिलने के बाद राम रहीम ने कोर्ट में बिमारी का बहाना भी किया जिसे कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया. राम रहीम को सजा के बाद कोर्ट रूम से बारह निकाला गया जहां से उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया. यहां उन्हें मेडिकल टेस्ट के बाद जेल के कपड़े दिए गए. जानकारी के मुताबिक जेल में राम रहीम को कैदी नंबर 1997 बनाया गया है. 
 
 
इससे पहले शुक्रवार को साध्वी यौन शोषण केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकुला और हरियाणा के दूसरे इलाकों में भड़की हिंसा में 32 लोगों की मौत हो गई है और करीब 300 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला के सिविल हॉस्पिटल का दौरा कर घायलों से मुलाकात की. खट्टर ने मीडिया को बताया कि हिंसा में 30 लोगों की मौत हो हुई है. 
 
हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के बाद अब राजस्थान से भी हिंसा की खबरें आ रही है. राजस्थान के श्रीगंगानगर में दंगाईयों ने श्रीगंगानगर के एक सब स्टेशन को आग के हवाले कर दिया. सब स्टेशन के भीतर खड़ी कई गाड़ियों को भी आग लगा दी गई.
 
जज जब फैसला सुना रहे थे तो कोर्ट के अंदर महज सात लोग मौजूद थे और राम रहीम कोर्ट के भीतर हाथ जोड़कर खड़े थे. कोर्ट रूम में मौजूद तमाम लोगों के फोन को बंद करा दिया गया था.
 
राम रहीम पर फैसले के मद्देनजर कानून-व्यस्था को कायम रखने के लिए सेना और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. जमीन से लेकर हवा तक हालात पर नजर रखी जा रही है. पंचकूला में घारा 144 लागू है. केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
 
 
डेरा समर्थकों के भारी जमावड़े और राम रहीम को सजा की स्थिति में उपद्रव की आशंका के मद्देनजर कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि हालात काबू करने के लिए सेना पूरी तरह अलर्ट रहे. किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए. 
 
अगर जरूरत पड़ती है तो फायरिंग में संकोच न करें. सरकार ने एहतियातन राज्य के ज्यादातर हिस्सों में एसएमएस और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है. कई शहरों में बिजली कटने की भी खबर है.
 
इससे पहले बाबा राम रहीम करीब 200 गाड़ियां के काफिले के साथ कोर्ट पहुंचे. सिरसा से लेकर पंचकूला तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी. कोर्ट जाने से पहले बाबा राम रहीम ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी और कहा था कि लोग कानून का सम्मान करें.
 
राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
 
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी. 
 
 
एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई. 

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