नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार देने के बाद हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और यूपी में हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद शकील ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिक दाखिल की है.
मोहम्मद शकील ने केंद्र और हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और यूपी सरकार से पब्लिक प्रॉपर्टी की रक्षा करने के आदेश देने की मांग करते हुए इसके लिए मैकेनिज्म बनाने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि डेरा चीफ के समर्थकों द्वारा जिन लोगों की संपत्ति का नुकसान हुआ है उनका खर्च राम रहीम से वसूला जाए. इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज की कमेटी बनाई जाए जो ये तय करे कि कितना नुकसान हुआ है. याचिका में ये भी कहा गया है कि इन घटनाओं से आम लोगों में दहशत का माहौल है और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल दे.
बता दें कि साध्वी यौन शोषण केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकुला और हरियाणा के दूसरे इलाकों में भड़की हिंसा में 38 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पंचकुला में 100 से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी गई थी.
इसके साथ-साथ दिल्ली में आगजनी की घटनाए हुईं थी. दिल्ली के मंगोलपुरी, जंहागीरपुरी, गोकुलपुरी के इलाकों में आगजनी की घटना हुई थी. आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर भी दो बोगियों में आग लगा दी गई थी. उधर राजस्थान के श्रीगंगानगर में दंगाईयों ने एक सब स्टेशन को आग के हवाले कर दिया था. जिसमें कई गाड़ियां जल कर खाक हो गई.
कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा
बता दें कि गुरमीत राम रहीम को आज सीबीआई की विेशेष अदालत ने यौन शोषण मामले में दस साल जेल की सजा सुनाई है. राम रहीम को कोर्ट ने साध्वियों के यौन शोषण का दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत दस साल की सजा सुनाई. सजा के ऐलान के बाद राम रहीम कोर्ट रूम में ही बैठकर फूट-फूटकर रोने लगा.
क्या है पूरा मामला?
राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी.
एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई.