रोहतक. साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबा राम रहीम को दस साल की सजा सुनाई है. सजा के एलान के बाद राम रहीम कोर्ट रूम में ही बैठकर फूट-फूटकर रोने लगा. कोर्ट से पुलिस ने उसे खींचकर बाहर निकाला.
राम रहीम को कोर्ट ने साध्वियों का यौन शोषण का दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत दस साल की सजा सुनाई. सजा का ऐलान होते ही डेरा के गुंडों की गुंडागर्दी की भी घटना देखने को मिली है. बताया जा रहा है कि डेरा के गुंडों ने सिरसा में दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है.
राम रहीम ने कोर्ट से बिमारी का बहाना भी किया जिसे कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया. राम रहीम को सजा के बाद कोर्ट रूम से बारह निकाला गया जहां से उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया. यहां उन्हें मेडिकल टेस्ट के बाद जेल के कपड़े दिए गए. जानकारी के मुताबिक जेल में राम रहीम को कैदी नंबर 1997 बनाया गया है.
बता दें सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है. सजा का ऐलान होने के बाद से उम्मीद की जा रही है कि डेरा समर्थक गुंडागर्दी पर उतरेंगे और उत्पात मचाने का काम करेंगे. मगर सरकार ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं.
बता दें कि इससे पहले 25 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में राम रहीम को दोषी माना था और सजा के ऐलान की तारीख आज यानी कि 28 अगस्त को मुकर्रर कर दी थी. राम रहीम को दोषी साबित करने के बाद पंचकुला और सिरसा में भयंकर हिंसा की घटना देखने को मिली थी.
राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी.
एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई.