यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को 20 साल की जेल, 30 लाख का जुर्माना

गुरमीत राम रहीम को आज सीबीआई की विेशेष अदालत ने यौन शोषण मामले में दस साल जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया.

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यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को 20 साल की जेल, 30 लाख का जुर्माना

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  • August 28, 2017 9:59 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
रोहतक: गुरमीत राम रहीम को आज सीबीआई की विेशेष अदालत ने यौन शोषण मामले में  दस साल जेल की सजा सुनाई है.  राम रहीम को  कोर्ट ने साध्वियों का यौन शोषण का दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 376 और 506 के तरह दस- दस साल यानी कुल 20 साल की सजा सुनाई. सजा के  एलान के बाद राम रहीम कोर्ट रूम में ही बैठकर फूट-फूटकर रोने लगा.
 
सजा का एलान होने के बाद राम रहीम कोर्ट में हाथ जोड़कर जज से अपने लिए थोड़ी सी रिहायत मांगने लगा. राम रहीम जज के सामने गिड़गिड़ाते हुए अपने लिए रहम की भीख मांगता रहा. उसने कोर्ट रूम से बाहर जाने से भी मना कर दिया और लगातार जज से रिहायत मांगता रहा. 
 
इस दौरान सुरक्षाबल उसे कोर्ट रूम से जाने के लिए कहते रहे मगर वो टस से मस नहीं हुआ. सुरक्षाबलों ने आखिर में उसे चेतावनी दी कि अगर वो कोर्ट रूम से खुद बाहर नहीं निकला तो उसे जबरदस्ती बाहर निकाला जाएगा, राम रहीम फिर भी नहीं माना. इसके बाद सुरक्षाबलों ने घसीटते हुए उसे कोर्ट रूम के बाहर निकाला. खुद को भगवान का अवतार करने वाला राम रहीम इस दौरान चिल्लाता रहा, कोई तो मुझे बचा लो.
 
 
राम रहीम का ड्रामा यहीं नहीं रूका, जब उसके सारे पैंतरे खत्म हो गए तो उसने कहा कि मुझे तुरंत चिकित्सा सुविधा चाहिए और अगर मुझे कुछ होता है तो राज्य सरकार इसकी जिम्मेदार होगी. 
 
फैसले से पहले  कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया. सीबीआई की तरफ से पेश हुए वकील ने राम रहीम के लिए कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की जबकि बचाव पक्ष कम से कम सजा की मांग कर रहा था. इस दौरान राम रहीम जज से रहम की भीख मांगते नजर आए.
 
राम रहीम के वकील ने दलील दी कि राम रहीम समाजसेवी हैं इसलिए उन्हें कम से कम सजा मिले. राम रहीम ने कोर्ट से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें छोड़ दिया जाए. वहीं सीबीआई अधिवक्ता ने कहा कि बाबा का अपराध बड़ा है इसलिए उन्हें अधिक से अधिक सजा मिलनी चाहिए. 
 
दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह ने फैसला पढ़ना शुरू किया. इस दौरान राम रहीम जज द्वारा कहे जाने वाले एक एक शब्द को बड़े ध्यान से सुनते नजर आए. राम रहीम के पक्ष ने कोर्ट में राम रहीम द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को गिनाया गया.  
 
 
क्या है पूरा मामला?
 
राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
 
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी. 
 
 
एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई. 
 
सजा के एलान के बाद ऐसे घटा पूरा घटनाक्रम
 
इससे पहले शुक्रवार को साध्वी यौन शोषण केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकुला और हरियाणा के दूसरे इलाकों में भड़की हिंसा में 38 लोगों की मौत हो गई है और करीब 250 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला के सिविल हॉस्पिटल का दौरा कर घायलों से मुलाकात की. खट्टर ने मीडिया को बताया कि हिंसा में 38 लोगों की मौत हो हुई है. 
 
हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के बाद अब राजस्थान से भी हिंसा की खबरें आ रही है. राजस्थान के श्रीगंगानगर में दंगाईयों ने श्रीगंगानगर के एक सब स्टेशन को आग के हवाले कर दिया. सब स्टेशन के भीतर खड़ी कई गाड़ियों को भी आग लगा दी गई.

 
 
 
 
जज जब फैसला सुना रहे थे तो कोर्ट के अंदर महज सात लोग मौजूद थे और राम रहीम कोर्ट के भीतर हाथ जोड़कर खड़े थे. कोर्ट रूम में मौजूद तमाम लोगों के फोन को बंद करा दिया गया था.
 
राम रहीम पर फैसले के मद्देनजर कानून-व्यस्था को कायम रखने के लिए सेना और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. जमीन से लेकर हवा तक हालात पर नजर रखी जा रही है. पंचकूला में घारा 144 लागू है. केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
 
 

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