नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली उपचुनाव के नतीजे घोषित हुए, जिसमें जनता ने साफ कर दिया कि अब दलबदलू नेताओं को स्वीकार नहीं किया जाएगा.ऐसा ही कुछ बवाना विधानसभा उपचुनाव के नतीजो में देखने को मिला. दरअसल बवाना की जनता ने आप से बीजेपी में गए पूर्व विधायक वेद प्रकाश को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
वेद प्रकाश पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से विधायक थे लेकिन बाद में उन्होंने दल बदला और बीजेपी की तरफ से चुनाव मैदान में उतर गए. उन्हीं की वजह से दोबारा चुनाव कराना पड़ा लेकिन जनता ने इस बार वेद प्रकाश के राजनीतिक करियर पर झाड़ू चला दी.
ठीक ऐसा ही कुछ राजौरी गार्डेन में देखने को मिला था. जिस राजौरी गार्डेन की सीट पर ‘आप’ ने जीत हासिल की थी उसी सीट से जीते हुए उम्मीदवार जरनैल सिंह को इस्तीफा दिलाकर अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा में चुनाव लडने भेज दिया . इससे दिल्ली की जनता बेहद नाराज़ थी, जिसका परिणाम ये हुआ कि बीजेपी- अकाली ने वहाँ से बाजी मार कर कमल खिला दिया.
इन दोनों सीटों के चुनाव परिणाम देखकर यही लगता है कि दिल्ली की जनता अब धोखा बर्दाश्त नहीं करेगी. आम आदमी पार्टी के लिए भले ही बवाना विधानसभा से अच्छी खबर आई हो लेकिन राजौरी गार्डन के परिणाम ने आम आदमी पार्टी को ये सबक भी सिखाया होगा कि दिल्ली की जनता देना जानती है तो एक ही झटके में सबकुछ लेना भी जानती है.
राजौरी गार्डन और बवाना उपचुनावों के नतीजे आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए सबक की तरह है. देखना होगा कि दोनों पार्टियां इन परिणामों से सबक लेकर 2019 विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल करती है या नहीं.