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झारखंड : कुपोषण का कहर जारी, 30 दिनों में 52 बच्चों ने गंवाई अपनी जान

भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए 70 साल बीत चुके हैं लेकिन अब भी कई ऐसे राज्य हैं जहां स्थिति ऐसी है कि लोग भुखमरी और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, ऐसी ही एक मामला झारखंड से सामने आया है.

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  • August 27, 2017 5:17 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
रांची : भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए 70 साल बीत चुके हैं लेकिन अब भी कई ऐसे राज्य हैं जहां स्थिति ऐसी है कि लोग भुखमरी और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, ऐसी ही एक मामला झारखंड से सामने आया है.
 
यहां एक महीने में कुपोषण की वजह से 52 बच्चों की मौत हो चुकी है. ये मामला झारखंड के महात्मा गांधी अस्पताल का है जहां मासूम बच्चों ने अपनी अंतिम सांसे ली. अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बच्चे कुपोषण का शिकार थे.
 
 
गौरतलब है कि इससे पहले भी आंकड़ा सामने आया था जिसके मुताबिक पिछले 117 दिनों में करीब 164 बच्चों की मौत हो चुकी है,  नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4(एनएफएचएस-4) 2015-16 की रिपोर्ट के मुताबिक, पांच साल तक के 47.8 फीसदी बच्चे झारखंड में कुपोषित की समस्या से जुझ रहे हैं, इसी के साथ इनमें से करीब चार लाख बच्चे अति कुपोषित हैं. 
 
राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने झारखंड के पांच जिलों का अध्ययन करने के बाद पाया है कि 57.2 फीसदी बच्चे नाटे(छोटे कद के), 44.2 फीसदी कम वजन वाले तथा 16.2 फीसदी काफी कमजोर हैं. चतरा, धनबाद, दुमका, गिरिडीह व कोडरमा जिलो में अध्ययन किया है.

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