पढ़िए, आतंकी कासिम के पकड़े जाने की पूरी कहानी

श्रीनगर. बीएसएफ जवानों पर जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी का नाम कासिम खान है. कासिम के अलावा दो अन्य को मार गिराया गया.  कासिम खान को पकड़ने में विक्रमजीत और राकेश की अहम भूमिका रही. विक्रमजीत को आतंकी ने बंधक बना लिया था, वहीं राकेश रास्ते से गुजर रहे थे.  […]

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पढ़िए, आतंकी कासिम के पकड़े जाने की पूरी कहानी

Admin

  • August 5, 2015 10:32 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

श्रीनगर. बीएसएफ जवानों पर जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी का नाम कासिम खान है. कासिम के अलावा दो अन्य को मार गिराया गया.  कासिम खान को पकड़ने में विक्रमजीत और राकेश की अहम भूमिका रही. विक्रमजीत को आतंकी ने बंधक बना लिया था, वहीं राकेश रास्ते से गुजर रहे थे. 

क्या है पूरी कहानी
विक्रमजीत सिंह ने बताया कि उसने (आतंकी) ने हमें कहा कि अगर हम उसे भागने का रास्ता बताएं तो वह हमें नुकसान नहीं पहुंचाएगा. हमने उसे पकड़ने का फैसला किया. उसने मुझे बहुत टॉर्चर किया और जान से मारने की धमकी भी दी. विक्रम ने बताया कि आतंकी कासिम उनसे लगातार फरार होने के लिए रास्ता पूछ रहा था. कासिम बंधकों से हिंदी में ही बात कर रह था और उसने मांग कर खाना भी खाया. जब आतंकी ने देखा कि पुलिस आ रही है तो वह बंधकों को धमकाने लगा. विक्रम ने बताया कि इसी दौरान राकेश ने उसकी गर्दन पकड़ ली और मैंने उसकी गन पकड़ ली. आतंकी ने गोली भी चलाई जो कि विक्रम के हाथ में लगी है. 

‘नौकरी नहीं है तो क्या हुआ, इन्हें पकड़ तो सकता हूं’
राकेश कुमार ने बताया, ”आतंकी इन लोगों को ले जा रहा था. मुझे भी रास्ता बताने को कहा. सेफ जगह ले जाने के लिए बोला. अपनी सेफ्टी के लिए मैं इनके साथ जाने को तैयार हो गया. हम पांच लोग थे, जिन्होंने आतंकी को पकड़ लिया. आतंकी हमसे कह रहा था कि मैं तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा. उसने हम पर फायर भी किया. मैंने सोचा कि नौकरी नहीं तो क्या हुआ, इन्हें पकड़ तो सकता हूं.”

कासिम को इलाके की पूरी जानकारी नहीं थी
कासिम खान जिस तरह से पकड़ा गया है, उससे पता चलता है कि उसे उधमपुर के बारे में जानकारी नहीं थी. बीएसएफ की बस पर हमला करने के बाद वह पास के ही गांव में छुप गया और गांववालों से कहा कि मुझे भागने का रास्ता दिखाओ. इसी दौरान गांववालों ने उसे धर दबोचा. आम तौर पर जम्मू-कश्मीर में हमला करने वाले आतंकी वारदात को अंजाम देने के बाद आसानी से भाग जाते हैं.

गांव वालों ने कैसे पकड़ा आतंकी को 
बीएसएफ की बस पर हमले के बाद जैसे ही फायरिंग शुरू हुई आतंकी (कासिम उर्फ उस्मान) ने पांच लोगों को बंधक बना लिया. आतंकी सभी को गन प्वाइंट पर पैदल ही जंगल की तरफ ले कर चला गया. करीब पांच किलोमीटर दूर ले जाकर उसने सभी को चिरडी में एक टावर से बांध दिया. इसी दौरान जब आतंकी को पता चला कि उसके दोनों साथी मारे गए तो वह परेशान हो गए. पांचों में से तीन नागरिक किसी तरह खुद को छुड़ा कर भाग गए. दो बंधकों (जो जीजा-साले बताए जा रहे हैं) ने आतंकी की बंदूक के ट्रिगर में अंगुली फंसा ली और हथियार छीन लिया. तब तक जानकारी मिलने के बाद मौके पर विलेज सिक्युरिटी कमेटी और पुलिस वाले पहुंच गए थे.

कौन थे निशाने पर?
पुलिस का कहना है कि आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालु थे. बताया जा रहा है कि बीएसएफ की बस के ठीक पीछे अमरनाथ यात्रियों का एक जत्था आने वाला था. इस हमले के चलते भगवती नगर से निकले अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को उधमपुर में ही रोक दिया गया है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है. हालांकि, होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस हमले को अमरनाथ यात्रियों पर हमले से जोड़ कर न देखा जाए.

कहां से आए थे आतंकी?
सूत्रों का कहना है कि आतंकी एक ट्रक में कश्मीर की तरफ से आए थे. सबसे पहले आतंकियों को देखने वाले वीडीसी सदस्यों ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि आतंकी ट्रक में सवार होकर आए थे. समरोली इलाके में पहुंचने पर ट्रक से उतर गए और झाड़ियों में छिप गए थे. जैसे ही बीएसएफ की बस वहां पहुंचीं उन्होंने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि ये पंजाब के गुरदासपुर में हमला करने वाले आतंकियों के साथ आए थे. ये सभी पुंछ के रास्ते भारत की सीमा में 6 दिन पहले आए थे. पकड़ा गया आतंकी खुद को पाकिस्तान के फैसलाबाद का बता रहा है.

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