चंडीगढ़: रेप केस में डेरा प्रमुख राम रहीम के दोषी साबित होने के बाद डेरा समर्थकों की हिंसा से भड़के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के गुस्से से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं बच सके जिसने कहा कि वो बीजेपी के नहीं, देश के पीएम हैं. कोर्ट की इस टिप्पणी पर कोर्ट ीक तरफ से ही सफाई आई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बीच कोर्ट ने सफाई दी है. कोर्ट ने कहा है कि हमने पीएम मोदी पर ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की, जिसमें कहा गया हो कि पीएम मोदी बीजेपी के नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं. हाईकोर्ट ने मीडिया संस्थानों से भी नाराजगी जाहिर की है.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने मीडिया में आई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कोर्ट की टिप्पणी को गलत करार देते हुए कहा कि कोर्ट की पत्रकारिता में गंभीरता बरतने की जरूरत होती है जो इस मामले में नहीं किया गया. कोर्ट में पीएम मोदी का नाम नहीं लिया गया इसके बावजूद मीडिया में इस खबर का सुर्खियों में आना दुर्भाग्यपूर्ण है.
हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस एसएस सेरॉन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अवनीश झिंगम की बेंच ने प्रधानमंत्री को लेकर ये टिप्पणी तब की जब केंद्र सरकार के वकील सत्यपाल जैन ने कोर्ट से कहा कि ऐसा दूसरे राज्यों में भी हुआ है जहां दूसरी पार्टियों की सरकार है.
जैन के यह कहते ही कोर्ट भड़क गया और कहा, “आप राज्यों को कॉलोनी की तरह ट्रीट क्यों करते हैं. क्या हरियाणा भारत का हिस्सा नहीं है. पंजाब और हरियाणा के साथ सौतेला व्यवहार क्यों करते हो. राष्ट्रीय एकता राजनीति से ऊपर है. हम एक देश हैं या एक पार्टी के देश हैं.” कोर्ट ने राज्य की मनोहरलाल खट्टर सरकार को जमकर लताड़ा और कहा, “वोट बैंक के लिए ये राजनीतिक सरेंडर था. वो बाहरी थी. आपने उनको यहां आने और रुकने दिया.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेरा समर्थकों की हिंसा पर ट्वीट करके शांति की अपील की थी और कहा था, “हिंसा की घटनाएं चिंताजनक हैं. हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं और सबसे शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.”
राम रहीम को सजा सुनाने के बाद भड़की हिंसा में 32 लोगों की जान जा चुकी है और उनके समर्थकों ने हरियाणा, पंजाब के अलावा दिल्ली, राजस्थान और यूपी के भी कुछ इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया है. अकेले पंचकुला में 29 लोगों की जान गई है जिस पर कोर्ट ज्यादा गर्म था.
पंचुकला में डेरा समर्थकों के जमावड़े की खबर फैसले के एक-दो दिन पहले से ही आने लगी थी और हाईकोर्ट ने फैसले से पहले ही साफ कह दिया था ऐसे लोगों से शहर खाली कराया जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और फैसले के बाद कोर्ट के आस-पास जुटे डेरा समर्थकों ने सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
मुख्यमंत्री खट्टर ने शुक्रवार की रात चूक माना और कहा कि डेरा समर्थकों की भीड़ में क्रिमिनल्स घुस आए थे जिसकी वजह से ऐसी हिंसा हुई. कोर्ट ने सीएम के इस बयान को भी आड़े हाथ लिया और कहा, “आपके सीएम कहते हैं कि डेरा वालों की भीड़ में शरारती लोग घुस आए जैसे उन्होंने कुछ किया ही नहीं. आप अभी भी उनका साथ दे रहे हैं. ये आप हैं जिसने ऐसा होने दिया.”
कोर्ट ने पंचकुला के डीसीपी को हटाने पर भी टिप्पणी की और कहा, “आप एक छोटे से डीसीपी को सूली पर चढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. उन राजनीतिक आकाओं का क्या जो गलत निर्देश दे रहे थे. आपने हालात बिगड़ने दिया. आपने सरेंडर कर दिया.”
कोर्ट ने पुलिस से डेरा की चल-अचल संपत्ति, बैंक खाते, आय का पूरा डिटेल मांगा है. सरकार ने कोर्ट को बताया है कि हरियाणा में डेरा की सारी संपत्ति सील कर दी गई है. कोर्ट पहले ही कह चुका है कि डेरा की संपत्ति से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाए.