नई दिल्ली. डेरा प्रमुख राम रहीम को जिस साध्वी रेप केस में दोषी ठहराया गया है और जिसकी सजा का ऐलान सोमवार को होगा उस केस को दबाने के चक्कर में एक डेरा मैनेजर और एक पत्रकार की हत्या का केस ऐसा है जिस क्राइम के दलदल से डेरा प्रमुख शायद ही बाहर निकल पाएं. तीनों केस सीबीआई जज जगदीप सिंह की कोर्ट में ही है.
ऊपर से आपको लगता होगा कि रेप का केस अलग है, डेरा मैनेजर की हत्या का केस अलग है और पत्रकार की हत्या का केस अलग है. लेकिन जब आप गौर करेंगे तो पता चलेगा कि रेप केस का मामला बाहर करने के शक में डेरा के मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या हुई. रेप की खबर से अखबार रंगने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हुई. ये सब कुछ 2002 में ही हुआ. हर मामला एक दूसरे से जुड़ा है. इसलिए सीबीआई तीनों मामले की जांच कर रही है और तीनों की सुनवाई भी पंचकुला की स्पेशल सीबीआई अदालत में जज जगदीप सिंह कर रहे हैं.
लोगों को नपुंसक बनाने और महिला को गायब करने का भी आरोप है राम रहीम पर
2002 में गुमनाम साध्वी ने पीएम, सीएम समेत कोर्ट को पत्र लिखकर राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था जिसकी सीबीआई जांच हाईकोर्ट के आदेश पर हुई. 2002 के जुलाई में रणजीत सिंह की हत्या हुई जो डेरा का मैनेजर हुआ करता था और जिसकी बहन भी डेरा में साध्वी थी. 2002 के अक्टूबर में उस पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हो गई जो अपने अखबार ‘पूरा सच’ में रेप की खबरें लगातार छाप रहा था.
साध्वी रेप केस में डेरा प्रमुख राम रहीम को संभव है कि कानूनी प्रावधान के मुताबिक 7 साल तक की सजा हो लेकिन इस केस को दबाने के चक्कर में मारे गए रणजीत सिंह और रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामलों का फैसला जब आएगा तब बाबा ज्यादा लंबी और बहुत कड़ी सजा का सामना कर सकते हैं. राम रहीम पर यौन शोषण और मर्डर के अलावा साधुओं को नपुंसक बनाने और महिला को अगवा करने का भी केस दर्ज है.
रेप केस की बात बाहर करने के शक में डेरा मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या
इंडिया न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया ने दो साल पहले गुरमीत राम रहीम से जब पत्रकार के मर्डर पर सवाल पूछा था तो उन्होंने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया था. उन्होंने कहा था कि ड्रग माफिया के खिलाफ उनकी मुहिम की वजह से उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. राम रहीम ने कहा था, “1992 से हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है. कुछ लोग लगातार कह रहे हैं कि वो हमें बर्बाद कर देंगे, समाज में हमें बदनाम कर देंगे, ये आरोप भी उसी षड्यंत्र का हिस्सा है.” राम रहीम ने उस दौरान ये भी कहा था कि उन्हें कोर्ट पर सौ फीसदी यकीन है.
साध्वी रेप केस पर फैसला के बाद जो सबसे पहला फैसला बाबा के खिलाफ आ सकता है वो डेरा मैनेजर रणजीत सिंह की मर्डर का केस है. अपने डेरे के मैनेजर और कुरुक्षेत्र के रहने वाले रणजीत सिंह की हत्या के केस में सीबीआई कोर्ट का फैसला 16 सितंबर को आ सकता है. रणजीत की बहन डेरा में साध्वी थी इसलिए जब साध्वी रेप केस बाहर आया तो राम रहीम को रणजीत पर ही शक हुआ और आगे 10 जुलाई, 2002 को उसकी हत्या हो गई.
रेप केस पर लगातार सनसनीखेज खुलासे कर रहे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या
रणजीत की हत्या के बाद सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हुई. रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार ‘पूरा सच’ के जरिए डेरे में युवतियों के साथ हो रहे यौन शोषण का खुलासा पहली बार 30 मई, 2002 को किया और उसके बाद लगातार वो इस खबर पर लिखते रहे. छत्रपति को मर्डर की धमकियां मिल रही थीं पर वो खुलासे किए जा रहे थे. फिर 24 अक्टूबर, 2002 को छत्रपति को गोली मार दी गई. 28 दिन बाद दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल अपने पिता के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनको तो दुख इस बात का है कि पुलिस ने पिता के बयान के बावजूद राम रहीम का नाम एफआईआर में नहीं रखा. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया और उसके बाद राम रहीम व उनके करीबियों को इस केस में आरोपी बनाया गया. सबूत और गवाही का काम हो चुका है. इस केस में भी बहस चल रही है जो आखिरी दौर में बताई जाती है. माना जा सकता है कि पत्रकार हत्याकांड में भी फैसला जल्द ही आ जाएगा.