डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकुला की सीबीआई अदालत ने यौन शोषण का दोषी मानते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले पर सोमवार यानी 28 अगस्त को कोर्ट सजा का एलान किया जाएगा.
नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकुला की सीबीआई अदालत ने यौन शोषण का दोषी मानते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले पर सोमवार यानी 28 अगस्त को कोर्ट सजा का एलान किया जाएगा.
इंडिया न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया ने करीब दो साल पहले इंटरव्यू में राम रहीम से सवाल पूछा था वो संत हैं तो उनके ऊपर यौन शोषण,हत्या जैसे आरोप क्यों लग रहे हैं. जवाब में राम रहीम ने कहा था, “1992 से हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है. कुछ लोग हमें लगातार कह रहे हैं कि वो हमें बर्बाद कर देंगे, समाज में हमें बदनाम कर देंगे, ये आरोप भी उसी षड्यंत्र का हिस्सा है.” राम रहीम ने उस दौरान ये भी कहा था कि उन्हें कोर्ट पर सौ फीसदी यकीन है.
गौरतलब है कि ये मामला एक गुमनाम खत से जुड़ा हुआ है जो 13 मई, 2002 को लिखा गया था. खत लिखने वाली युवती ने तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, हरियाणा के तत्कालीन सीएम ओम प्रकाश चौटाला और सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को खत में डेरा में महिलाओं के साथ हो रही घिनौनी करतूतों का खुलासा किया था.
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डेरा में ही साध्वी के तौर पर काम करने वाली इस महिला ने पत्र में लिखा था कि “मैं पंजाब की रहने वाली हूं और पिछले पांच सालों से डेरा सच्चा सौदा सिरसा में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं. हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है. मैं बीए पास लड़की हूं. मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी.”
युवती की चिट्ठी पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच 2002 में सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई ने 31 जुलाई 2007 को विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. उस वक्त राम रहीम को कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
इसी मामले में गवाही और बहस की करीब दस साल लंबी न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद 25 अगस्त को राम रहीम को दोषी ठहराया गया है. 28 अगस्त को राम रहीम को रोहतक की विशेष जेल में ही सजा सुनाई जाएगी.
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