पंचकुला. साध्वी यौन शोषण केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद पंचकुला कोर्ट के बाहर डेरा समर्थकों ने हंगामे के बीच न्यायाकि हिरासत से ही राम रहीम ने अपने समर्थकों से शांति की अपील की है. बाबा ने कहा है कि सभी डेरा समर्थक घर लौट जाएं और शांति व्यवस्था बनाए रखें.
बता दें कि फैसला आने से एक दिन पहले भी गुरुवार को राम रहीम ने एक वीडियो जारी कर समर्थकों से शांति की अपील की थी, जिसमें उन्होंने कहा था डेरा समर्थक शांति व्यवस्था बनाए रखें और भगवान पर भरोसा रखें.
इस बीच पुलिस ने भी राम रहीम के परिवार से कहा है कि वे अपने समर्थकों को कंट्रोल करने का काम करें. खबर ये भी है कि पंचकुला में जगह-जगह आगजनी हुई है.
पंचकुला की सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को दोषी करार देते हुए 28 अगस्त को सजा की तारीख तय की है. राम रहीम को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है. न्यायिक हिरासत के दौरान राम रहीम सेना की पश्चिमी कमांड के पास रहेंगे.
कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में जुटे राम रहीम समर्थकों ने फैसले के बाद हंगामा शुरू कर दिया है जिनको काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के कुछ गोले दागे हैं. सेना और पुलिस डेरा समर्थकों को हटाने की कार्रवाई कर रही है.
इस बीच न्यायिक हिरासत से बाबा राम रहीम ने डेरा समर्थकों के लिए संदेश जारी किया है और उनसे घर लौटने की अपील की है. राम रहीम ने लोगों से कानून का पालन करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
साध्वी यौन शोषण केस में दोषी करार राम रहीम को सेना ने हिरासत में ले लिया है और वो कोर्ट से सीधे जेल जाएंगे. सजा का ऐलान 28 अगस्त को होगा और जब तक फैसले की कॉपी ना आए तकनीकी रूप से वो ऊपरी अदालत में अपील नहीं कर सकते.
कोर्ट में दोषी ठहराने के फौरन बाद ही सेना की पश्चिमी कमांड ने राम रहीम को हिरासत में ले लिया. सूत्रों का कहना है कि राम रहीम को अंबाला में रखा जाएगा.
जज जब फैसला सुना रहे थे तो कोर्ट के अंदर महज सात लोग मौजूद थे और राम रहीम कोर्ट के भीतर हाथ जोड़कर खड़े थे. कोर्ट रूम में मौजूद तमाम लोगों के फोन को बंद करा दिया गया था.
राम रहीम पर फैसले के मद्देनजर कानून-व्यस्था को कायम रखने के लिए सेना और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. जमीन से लेकर हवा तक हालात पर नजर रखी जा रही है. पंचकूला में घारा 144 लागू है. केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
डेरा समर्थकों के भारी जमावड़े और राम रहीम को सजा की स्थिति में उपद्रव की आशंका के मद्देनजर कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि हालात काबू करने के लिए सेना पूरी तरह अलर्ट रहे. किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए.
अगर जरूरत पड़ती है तो फायरिंग में संकोच न करें. सरकार ने एहतियातन राज्य के ज्यादातर हिस्सों में एसएमएस और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है. कई शहरों में बिजली कटने की भी खबर है.
इससे पहले बाबा राम रहीम करीब 200 गाड़ियां के काफिले के साथ कोर्ट पहुंचे. सिरसा से लेकर पंचकूला तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी. कोर्ट जाने से पहले बाबा राम रहीम ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी और कहा था कि लोग कानून का सम्मान करें.
राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी.
एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई.