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राम रहीम पर फैसले के बाद हरियाणा-पंजाब के कई शहरों में बिजली गुल, इंटरनेट बंद, फ्लैग मार्च

पंचकुला: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने कई शहरों की एहतियातन बिजली काट दी है. कोर्ट रूम में ही बाबा राम रहीम को हिरासत में ले लिया. यहां से उन्हें अंबाला अदालत ले जाया जा रहा है. गुरमीत राम रहीम को सेना की पश्चिमी […]

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  • August 25, 2017 10:00 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

पंचकुला: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने कई शहरों की एहतियातन बिजली काट दी है. कोर्ट रूम में ही बाबा राम रहीम को हिरासत में ले लिया. यहां से उन्हें अंबाला अदालत ले जाया जा रहा है.

गुरमीत राम रहीम को सेना की पश्चिमी कमांड ने अपनी कस्टडी में रखा है. बताया जा रहा है कि 28 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाई जाएगी.  गुरमीत राम रहीम को जेल भेजने से पहले उनका मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है. पंचकुला में सेना फ्लैग मार्च निकाल रही है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति ना बन पाए.
 
राम रहीम पर फैसले के मद्देनजर कानून-व्यस्था को कायम रखने के लिए सेना और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. जमीन से लेकर हवा तक हालात पर नजर रखी जा रही है. पंचकूला में घारा 144 लागू है. केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
 
डेरा समर्थकों के भारी जमावड़े और राम रहीम को सजा की स्थिति में उपद्रव की आशंका के मद्देनजर कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि हालात काबू करने के लिए सेना पूरी तरह अलर्ट रहे. किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए. अगर जरूरत पड़ती है तो फायरिंग में संकोच न करें. सरकार ने एहतियातन राज्य के ज्यादातर हिस्सों में एसएमएस और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है. कई शहरों में बिजली कटने की भी खबर है.
 
इससे पहले बाबा राम रहीम करीब 200 गाड़ियां के काफिले के साथ कोर्ट पहुंचे. सिरसा से लेकर पंचकूला तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी. कोर्ट जाने से पहले बाबा राम रहीम ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी और कहा था कि लोग कानून का सम्मान करें.
 
राम रहीम पर यह मामला 15 साल पहले का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
 
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने 18 साध्वियों से पूछताछ की जिनमें दो साध्वियों ने यौन शोषण की बात स्वीकार की थी. एक साध्वी ने बाबा पर यह आरोप लगाया कि शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने जांच पूरी कर 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई.  
 

 

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