पंचकूला. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ साध्वी यौन शोषण मामले में फैसला आने में महज कुछ घंटे ही शेष बचे है. इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें हैं. गुरमीत राम रहीम पर लगे आरोपों पर फैसले का दारोमदार जज जगदीप सिंह पर होगा. यानी कि आज जददीप सिंह ही बाबा राम रहीम के किसम्त का फैसला करेंगे.
सिंह अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के जज रैंक के अधिकारी हैं, जो पिछले साल ही सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किये गये थे. ये न्यायिक अधिकारी के रूप में इनकी दूसरी पोस्टिंग है.
सिंह ने 2012 में हरियाणा न्यायिक सर्विस ज्वाइन किया था. उनकी पहली पोस्टिंग सोनीपत में रही और सीबीआई कोर्ट में उनकी दूसरी पोस्टिंग है. कहा जाता है कि सीबीआई कोर्ट में जज नियुक्त होना आसान नहीं होता, लेकिन ये जगदीप सिंह की काबिलियत ही है कि हाईकोर्ट प्रशासन ने एक ही पोस्टिंग के बाद उन्हें सीबीआई कोर्ट की जिम्मेवारी सौंप दी.
न्यायिक सेवा में आने से पहले वो पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में में वकील थे. उनके साथ वकालत करने वाले कुछ वकीलों का कहना है कि सिंह साबब काफी लो प्रोफाइल इंसान हैं और काफी कम बोलते हैं. वो अपना काम काफी ईमानदारी से करते हैं और काम को लेकर उनका रवैया काफी सख्त होता है. उन्हें काम में गैर- जिम्मेदाराना व्यवहार पसंद नहीं है. उन्होंने साल 2000 से लेकर 2012 तक यानी कि 12 साल सिविल और क्रिमिनल दोनों ही तरह के मामले हैंडल किये हैं.
बता दें कि जगदीप सिंह ने अपनी लॉ की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से 2000 में पूरी की थी. हरियाणा न्यायिक अधिकारी के मुताबिक, जगदीप शुरू से ही काफी तेज विद्यार्थी थे. वो काफी मेहनती और ईमानदार ऑफिसर हैं.
बताया जाता है कि जगदीप सिंह सितंबर 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने हादसे में घायल हुए चार लोगों की जिंदगी बचाई थी. जिस वक्त ये हादसा हुआ था उस वक्त जगदीप हिसार से पंचकुला जा रहे थे. तभी रास्ते में एक दुर्घटना हो गई, जिसमें चार लोग बुरी तरह घायल हो गए थे.
खबरों के मुताबिक, उन्होंने पहले तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और घायलों को गाड़ी से बाहर निकाला. लेकिन जब ऑपरेटर ने उनसे कहा कि क्या एंबुलेंस वहां उड़ कर आएगी तो उन्होंने एक प्राइवेट गाड़ी रुकवाई और खुद घायलों को हॉस्पिटल छोड़ने गए थे.
बता दें कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद हरियाणा और पंजाब में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. पूरे हरियाणा में धारा-144 लागू है. पुलिस के अनुसार फैसला आने के बाद अगर लोग किसी भी तरह का कानून तोड़ते हैं तो उन्हें सीधा गिरफ्तार किया जाएगा. कुछ जगहों पर भी कर्फ्यू लगा है.