पटना: करीब आठ सौ करोड़ रूपये के सृजन घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है. सीबीआई अब इस घोटाले की जांच करेगी. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 11 सवाल पूछे हैं.
लालू ने ट्वीट करते हुए नीतीश पर निशाना साधा. लालू ने कहा कि नीतीश कहते थे कि “मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन बीजेपी में नहीं जाऊंगा” लेकिन आज उन्ही के साथ चोर दरवाज़े से घुसकर बिहार में सरकार चला रहे है. उन्होंने आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि 27अगस्त की महारैली में बिहार की न्यायप्रिय जनता एक-एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर पटना आएगी ताकि नीतीश बीजेपी के साथ जाने पर उसी मिट्टी में मिल जाये.
लालू के नीतीश से 11 सवाल
1) 25 जुलाई को संजीत कुमार नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री बिहार को सृजन महिला बैंक चलाने और करोड़ों के गबन संबंधित जानकारी देते हुए एक विस्तृत पत्र लिखा था. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं करके घोटाले करने वालों को बचाया नहीं अपितु उन्हें सरकारी खजाना लुटने के लिए प्रोत्साहित किया.
2) 9 सितंबर 2013 को रिजर्व बैंक ने, बिहार सरकार को पत्र लिखकर सृजन समिकि में हो रहे घोटाले और वित्तिय अनियमितता की जांच करने को कहा था. रिजर्व बैंक ने को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कार्रवाई करने को कहा था. लेकिन मुख्यमंत्री ने उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. मुख्यमंत्री ने रिजर्व बैंक के सन्देह को भी दरकिनार करते हुए लागातार घोटालेबाजों का सहयोग किया.
3) 2013 में तत्कलीन DM ने ‘सृजन’ मामले में शिकायत मिलने पर जांच का आदेश दिया था. लेकिन जांच रिपोर्ट आज तक नहीं आई. नीतीश बताएं, उस जांच की रिपोर्ट को क्यों दबाया गया ? उस जांच रिपोर्ट को दबाकर किसे फायदा पहुंचाया गया ?
4) 2013 में ‘सृजन’ घोटाले में जांच का आदेश देने वाले जिलाधिकारी का मुख्यमंत्री ने तबादला क्यों किया ?
5) 2006 में चल रहे इस घोटाले में मुख्यमंत्री ने 10 साल तक कार्रवाई क्यों नहीं की ? मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी इस मामले के सीधे दोषी हैं.
6) आर्थिक अपराध शाखा ने सृजन घोटाले में लिप्त बिहार सरकार की पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के करोड़ों रुपए जब्त किए गए. उसके बावजूद भी आर्थिक अपराध शाखा ने पूरे घोटाले की अनुसंधान किसके इशारे पर नहीं की ? 2005 से गृह विभाग नीतीश के पास है. नीतीश ने आर्थिक अपराध शाखा की जांच को क्यों छुपाया ? उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की ?
7) बिहार सरकार की पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के सृजन खाते से 7 करोड़ 32 लाख रुपए जब्त किए गए. 14 जुलाई 2013 के हिंदुस्तान अखबार की खबर के अनुसार तत्कालीन प्रधान सचिव ने कहा था कि जयश्री ADM स्तर की अधिकारी है इसलिए उशे सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है लेकिन मुख्यमंत्री ने उसे इतने वर्षों तक बर्खास्त क्यों नहीं किया ?
8) जयश्री ठाकुर की अधिकांश पोस्टिंग भागलपुर और बांका में ही करने का मुख्यमंत्री का उद्देश्य था ? सनद रहे सामान्य प्रशासन और कार्मिक विभाग मुख्यमंत्री के पास रहा है और उन्हीं की ईच्छा अनुसार जयश्री ठाकुर को बांका का भू-अर्जन पदाधिकारी रहते हुए भागलपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया.
9) 2010 में भी हमने AC/DC घोटाले को उठाया था, उसके बावजूद भी नीतीश सरकार ने ऐसे घोटालों को जारी रखा.
10) 2010-11 में CAG ने अपनी रिपोर्ट में 11000-12000 हजार करोड़ के सरकारी खाजने की अनियमितता का जिक्र किया था ? उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई ?
11) CBI जांच के आदेश पर मुख्यमंत्री किसे बेवकूफ बना रहे हैं ? क्या वह RBI का सर्कुलर नहीं जानते जिसमें स्पष्ट है की अगर 30 करोड़ से ज्यादा की कोई वित्तीय अनियमितता है तो उसकी जांच सीबीआई करेगी? यह तो 15000 करोड़ का महाघोटाला है.