नई दिल्ली: राइट टु प्रिवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है. कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि निजता का अधिकार जीने के अधिकार के तहत आता है और ये मौलिक अधिकार है. वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले पर इशारों में बीजेपी को घेरा और कहा ये फैसला फासीवादी ताकतों को बड़ा झटका है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह प्रत्येक भारतीय की जीत है. यह फैसला फासीवादी ताकतों को बड़ा झटका है. निगरानी के जरिए दवाव डालने की विचारधारी को ठोस तरीके से खारिज किया गया है. निजता को मैलिक अधिकार देने के फैसले से व्यक्तिगत अधिकारों, निजी स्वतंत्रता और मानवीय सम्मान के नए युग की शुरुआत हुई है.
बता दें कि निजता का अधिकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक बेंच ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है. कोर्ट ने कहा कि राइट टू प्राइवेसी जीवन के अधिकार के लिए जरूरी है और अब अनुच्छेद 21, भाग 3 का हिस्सा है. इस फैसले का आधार कार्ड के तहत दी जाने वाली निजी सूचनाओं पर असर पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के लिए तगड़ा झटका है. केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि निजता मौलिक अधिकार नहीं है. इस फैसले का सीधा असर सरकारी योजनाओं के अमल पर होगा. सरकारी नीतियों की नए सिरे से समीक्षा करनी होगी. इस फैसले के बाद अब सरकार की ओर से आपके निजी डेटा को लिया तो जा सकता है लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. हालांकि इस फैसले से आधार की किस्मत नहीं तय होगी..आधार पर अलग से सुनवाई होगी.
आधार के मामले पर पांच जजों की बेंच अलग से फैसला करेगी. बेंच देखेगी कि आधार में लिया गया डेटा कहीं निजता के अधिकार का उल्लंघन तो नहीं ? 7वें मौलिक अधिकार के तौर पर शामिल हुआ निजता का अधिकार, अन्य इस प्रकार हैं-1 समानता का अधिकार, 2-स्वतंत्रता का अधिकार, 3-शोषण के विरुद्ध अधिकार, 4-धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, 5-शिक्षा और संस्कृति का अधिकार, 6-संवैधानिक उपचारों का अधिकार, 7-निजता का अधिकार.