पंचकूला : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम पर चल रहे यौन शोषण मामले पर 25 अगस्त को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट फैसला सुनाने जा रही है. मामले को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा और पंजाब को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं. जिस साध्वी यौन शोषण के मामले में बाबा राम रहीम पर कल फैसला आने वाला है जानिए उसकी पूरी कहानी-
यह मामला आज से 15 साल पहले साल 2002 का है. उस वक्त डेरा सच्चा सौदा की सदस्य एक साध्वी ने बाबा राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी, मीडिया, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. साध्वी ने पत्र में यह भी बताया था कि उसके साथ पिछले तीन सालों से लगातार यौन शोषण किया जा रहा था और केवल वो ही नहीं उसके साथ करीब 35 से 40 साध्वियों का भी यौन शोषण किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. सीबीआई ने इस मामले में 18 साध्वियों से पूछताछ की, जिनमें से दो साध्वियों ने यौन शोषण होने की बात स्वीकार की थी. एक साध्वी ने बाबा राम रहीम पर यह भी आरोप लगाया कि उसा शोषण शरीर को ‘पवित्र’ करने की बात कहकर किया गया था. सीबीआई ने दोनों साध्वियों की गवाही को सीआरपीसी की धारा 164 के तहत रिकॉर्ड किया, जिसका मतलब है कि यह गवाही कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश की जा सकती है. इसी बीच 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा के सदस्य रंजीत सिंह और 23 अक्टूबर 2002 को पत्रकार चंदर छत्रपति की मौत हुई, इन दोनों की मौत का आरोप भी बाबा राम रहीम पर है. सूत्रों के मुताबिक सिरसा के लोकल अखबार पूरा सच के पत्रकार चंदर छत्रपति ने इस मामले में रिपोर्टिंग की थी तो वहीं रंजीत सिंह ने साध्वी के साथ वह पत्र लिखने में मदद की थी.
सीबीआई ने जांच पूरी कर साल 2007 में जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से गवाही और बहस हुई. अब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर यौन शोषण आरोप मामले में 25 अगस्त को आएगा फैसला. कोर्ट ने 25 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को व्यक्तिगत रूप से सीबीआई कोर्ट में पेश होने के दिए निर्देश दिया है.