Right To Privacy मौलिक अधिकारों में शामिल, जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

7वें मौलिक अधिकार के तौर पर शामिल हुआ निजता का अधिकार, अन्य इस प्रकार है-1) समानता का अधिकार, 2) स्वतंत्रता का अधिकार, 3) शोषण के विरुद्ध अधिकार, 4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, 5) शिक्षा और संस्कृति का अधिकार, 6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार, 7) निजता का अधिकार

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Right To Privacy मौलिक अधिकारों में शामिल, जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

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  • August 24, 2017 7:56 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : तीन तलाक के बाद निजता के अधिकार पर भी सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है. अपने अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल है. न्यायमूर्ति खेहर ने कहा कि यह फैसले उनके द्वारा नहीं लिखा गया, लेकिन इसमें सबकी सर्वसम्मति थी। उन्होंने यह भी कहा कि छह और आठ सदस्यीय बैंच के पिछले दो फैसले रद्द किए जा रहे हैं. आइए आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें-
 
1- राइट टू प्राइवेसी जीवन के अधिकार के लिए जरूरी है और अब अनुच्छेद 21, भाग 3 का हिस्सा है.
2- इस फैसले का आधार कार्ड के तहत दी जाने वाली निजी सूचनाओं पर असर पड़ सकता है. आधार के मामले पर पांच जजों की बेंच अलग से फैसला करेगी. बेंच देखेगी कि आधार में लिया गया डेटा कहीं निजता के अधिकार का उल्लंघन तो नहीं?
3- 7वें मौलिक अधिकार के तौर पर शामिल हुआ निजता का अधिकार, अन्य इस प्रकार है-1) समानता का अधिकार, 2) स्वतंत्रता का अधिकार, 3) शोषण के विरुद्ध अधिकार, 4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, 5) शिक्षा और संस्कृति का अधिकार, 6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार, 7) निजता का अधिकार
4- आधार के अलावा समलैंगिक संबंधों को गैरकानूनी बनाने वाली धारा 377 पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है. दो वयस्क व्यक्ति यदि आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं तो यह उनकी प्राइवेसी का मुद्दा है.
 
 
5- टेलीमार्केटिंग कंपनियों और बैंकों द्वारा नागरिकों के व्यक्तिगत डाटा शेयर करने पर भी रोक लग सकती है.
6- सुप्रीम कोर्ट का निजता को मौलिक अधिकार बताना ऐतिहासिक फैसला है. इस फैसले के बाद अब सरकार का एक-एक कानून निजता की कसौटी पर टेस्ट होगा.
7- कोर्ट का ये फैसला सरकार के लिए यह झटका है, क्योंकि सरकार को अब यह दिखाना होगा कि वह निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं कर रही है.
8- कोर्ट के फैसले के बाद लोगों की निजी जानकारी बिना सहमति सार्वजनिक नहीं हो सकेगी. आधार, पैन, क्रेडिट कार्ड आदि में दर्ज जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी. निजता का हनन होने के बाद अब कोर्ट जाने का अधिकार होगा. 
9- यह फैसला व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को भी चुनौती देने वाला होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2016 को एक आदेश दिया था जिसके मुताबिक व अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू कर सकता है. लेकि
10- सरकार ने कई सोशल वेलफेयर योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है. कोर्ट के इस फैसले से सरकार को बड़ा झटका लग सकता है.
 

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