नई दिल्ली: 4 दिन में दो हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की है. हालांकि पीएम मोदी ने उनसे इंतजार करने को कहा है. वहीं कांग्रेस ने सुरेश प्रभु को निशाने पर लिया है और पीएम मोदी से मांग की है कि वह रेल मंत्री का इस्तीफा मंजूर करें या उन्हें बर्खास्त करें. कांग्रेस ने रेल हादसे के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी से पूछा कि वह बताएं की रेल कितनी सुरक्षित है और उसकी जनता की सुरक्षा के लिए क्या रोडमैप बनाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने के लिए एक लाख करोड़ का कर्ज ले सकते हैं तो पब्लिक सेफ्टी के लिए 46 हजार करोड़ का इंतजाम क्यों नहीं कर सकते.
सुरजेवाला ने आगे कहा कि मोदी सरकार सबसे पहले ये बातए कि रेल सेफ्टी के लिए आखिर रोड़ मैप क्या है, यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम है. बीजेपी सरकार 46 हजार करोड़ रुपए कब तक आवंटित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन साल में दो बार रेल मंत्री बदल गए लेकिन हालात जस के तस हैं. स्थिती में कोई सुधार नहीं है. कलिंग उत्कल एक्सप्रेस और अब कैफियत एक्सप्रेस जैसे बड़े ट्रेन हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अशोक मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनकी जगह एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन बनाया गया है. अब अश्वनी लोहानी एयर इंडिया के साथ-साथ भारतीय रेल भी चालाएंगे. बता दें कि रेल मंत्री प्रभु ने पीएम मोदी से मिलकर शनिवार को यूपी के खतौली और फिर औरैया में हुए रेल हादसे की नैतिक जिम्मेदारी ली है. सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे की बेहतरी के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की लेकिन लगातार होते हादसों से वो बहुत दुखी हैं.
बता दें कि हाल ही में मुज्जफरनगर में हुए कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद अब बुधवार यानी आज उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन औरेया जिले में दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर एक डंपर से टकरा गई. बीती रात करीब 2.40 बजे ट्रेन के 10 डिब्बे पटरी से उतर जाने की वजह से 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं तो वहीं 26 की हालत गंभीर बताई जा रही है.