नई दिल्ली: अदालत के सख्ती और दिल्ली सरकार के दबाव का नतीजा ये है कि दिल्ली में स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की तैयारी शुरु हो गई है. एक वक्त था कि अगले महीने की फीस कहां से आएगी, इस सवाल की तलवार मां-बाप के सिर पर लटकती रहती थी लेकिन अब प्राइवेट स्कूलों के सिर पर इस बात की तलवार लटक रही है कि कहीं दिल्ली सरकार उनको टेकओवर तो नहीं कर लेगी.
आज हम आपको इस रिपोर्ट के जरिए बताएंगे कि कैसे दिल्ली में कैसे केजरीवाल सरकार और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया लगातार लगे रहे स्कूलों की फीस की टीस कम करने को लेकर और कैसे उसका नतीजा दिखने भी लगा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री की बातों से ये तो साफ है कि या तो स्कूल अपनी मर्ज़ी से मनमानी फीस वसूलना बंद कर दें या फिर सरकारी टेकओवर के लिए तैयार हो जाएं.
दिल्ली के जिन 449 स्कूलों ने अपनी मर्जी से फीस बढ़ाई थी उन्हें दिल्ली सरकार टेकओवर करने की प्रक्रिया का पहला कदम उठा चुकी है. एलजी से मंज़ूरी मिलने के साथ ही स्कूलों को शो कॉज़ नोटिस भेज दिया गया है जिसका मतलब ये है कि स्कूलों ने ज्यादा ली गई फीस नहीं लौटाई तो अगला कदम स्कूलों को टेकओवर करने का होगा.
दिल्ली सरकार और कोर्ट के सख्त रवैये से कई स्कूल अभी से बैकफुट पर आ गए हैं. 17 स्कूलों ने ज्यादा वसूली गई फीस कोर्ट में जमा करा दी है. बाकी स्कूलों के पास अब तीन विकल्प हैं. या तो 14 दिनों के भीतर बढ़ी हुई फीस लौटाएं या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं या फिर स्कूलों के टेकओवर के लिए तैयार हो जाएं. इंडिया न्यूज/इनखबर इस मुद्दे को लगातार उठाते रहा है.
फीस मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
छठे वेतन आयोग को लागू करने के नाम पर वसूली गई फीस स्कूलों को वापस देनी ही होगी । स्कूलों को अपने बहीखाते दिखाकर ये बताना होगा कि छठे वेतन आयोग के आने से पहले वे अपने शिक्षकों को क्या तनख्वाह दे रहे थे और इसके आने के बाद से क्या तनख्वाह दी जा रही है.
यूपी के स्कूलों को डीएम ने लिखी चिट्ठी
यूपी के स्कूलों को डीएम ने चिट्ठी लिखकर नियमावली बनाए जाने को कहा. तो सीबीएसई ने ऐसे स्कूलों को नोटिस भेजा, जिनकी मनमानी बढ़ती ही जा रही थी. दिल्ली के कई स्कूलों को नोटिस भेजा गया है. इसके अलावा बच्चों पर बैग के बोझ को कम करने और उन्हें लाने-ले जाने वाले खस्ताहाल वाहनों की हालत भी दुरुस्त करने की तरफ बड़े कदम उठाए गए. इतना ही नहीं, स्कूल परिसर में किताबें और यूनिफॉर्म बेचने पर भी रोक लगी है.
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