नई दिल्ली : तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जहां हर कोई स्वागत कर रहा है तो वहीं कुछ लोग इससे खासा नाराज भी हैं. फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम को सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कुछ खास पसंद नहीं आया है.
शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट ने राजनीतिक दबाव में ये फैसला लिया है. उन्होंने कहा, ‘ये फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया है.’
वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर दो फाड़ होता दिख रहा है. बोर्ड के शिया गुट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया है तो वहीं सुन्नी गुट इसके विरोध में दिख रहा है.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?
तीन तलाक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की पीठ में बहुमत से फैसला हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों ने जस्टिस ललित, जस्टिस जोसेफ और जस्टिस नरीमन ने तीन तलाक को अवैध माना तो वहीं जो जजों ने चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस अब्दुल नजीर ने इसे असंवैधानिक घोषित नहीं किया है.
चीफ जस्टिस खेहर ने शुरुआत में फैसला सुनाते हुए कहा था कि तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित नहीं किया जा सकता है और इस पर खेहर ने 6 महीने की रोक लगाते हुए संसद को कानून बनाने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में इसे बहुमत के फैसले के आधार पर अवैध घोषित कर दिया गया.