नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी ने रविवार को एक पोस्टर जारी कर सामाजिक न्याय के लिए विपक्ष से एकजुट होने की अपील की है. इस पोस्टर में पहली बार बसपा सुप्रीमो मायावती और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव एक साथ दिख रहे हैं. लेकिन बाद में बीएसपी की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करके इस पोस्टर को ही फर्जी करार दे दिया है. साथ ही अपनी टवीटर होने से इंकार कर दिया है.
इससे पहले इस पोस्टर में माया-अखिलेश के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ जेडीयू के बागी नेता शरद यादव भी पोस्टर में दिख रहे हैं. बीएसपी ने ये पोस्टर अपने ऑफिशल अकाउंट से ट्वीट किया है.
बसपा के इस कदम को बीजेपी को टक्कर देने के लिए क्षेत्रीय क्षत्रपों को अपने मतभेदों को भुलाकर एक मंच पर आने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि 27 अगस्त को पटना में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ने समस्त विपक्ष को एकजुट करने के लिए ‘बीजेपी भगाओ, देश बचाओ’ रैली का आयोजन कर रखा है.
बताया जा रहा है कि इस रैली में बड़े विपक्षी नेता पहुंचेंगे. इस रैली में अखिलेश यादव, बसपा से बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा, शरद यादव के अलावा ममता बनर्जी के पहुचने की उम्मीद हैं.
बता दें कि बीएसपी और समाजवादी के रिश्ते जगजाहिर हैं, लेकिन 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के बाद दोनों पार्टियों के तेवर कुछ बदल गए हैं. इससे पहले अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘मैंने हमेशा मायावती को एक रिश्ते के तौर पर संबोधित किया है तो लोगों को लग सकता है कि कहीं हम बीएसपी से गठबंधन न कर लें. हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी एसपी और बीएसपी साथ मिलकर सरकार बना सकती है.’