पटना: महागठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू में मचा घमासान टूट की कगार तक पहुंच गया है. पार्टी से बागी हो चुके जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव पार्टी पर दावा ठोक रहे हैं. वहीं शनिवार को सीएम नीतीश कुमार के घर पर हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी ने औपचारिक तौर पर एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव पारित किया. बैठक में इसके अलावा पार्टी का नया संविधान भी पारित किया गया जिसके मुताबिक हर तीन साल बाद पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होगा.
बैठक में शरद यादव पर भी चर्चा हुआ और फिर ये तय किया गया कि उचित समय पर शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पार्टी प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि शरद यादव पुत्र मोह में लालू यादव के साथ गए. बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि शनिवार को हुई नेशनल एग्जीक्यूटिव और काउंसिल की मीटिंग में लगभग सभी नेताओं ने हिस्सा लिया. उन्होंने ये भी बताया कि केरल यूनिट बैठक से ये कहकर वॉकआउट कर गई कि उन्हें किसी भी ग्रुप का हिस्सा नहीं बनना है.
पार्टी में फूट के सवाल पर के सी त्यागी ने कहा कि सभी 16 कमेटियां पार्टी के साथ हैं इसलिए फूट का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने कहा कि 71 एमएलए और 30 एमएलसी नीतीश कुमार का समर्थन कर रहे हैं. महागठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये पार्टी नेतृत्व का नहीं बल्कि सभी पार्टी नेताओं का सर्वसम्मति से लिया गया फैसला था कि अब आरजेडी के साथ काम करना असंभव हो गया है.
शरद यादव की नाराजगी के सवाल पर के सी त्यागी ने कहा कि मैने व्यक्तिगत तौर पर शरद जी से अनुरोध किया और यहां तक की नीतीश जी ने भी उन्हें फोन किया लेकिन उन्होंने नीतीश जी से मिलने की बजाय आरजेडी कार्यकर्ताओं के साथ जाना उचित समझा. उन्होंने ये भी कहा कि शरद यादव पार्टी विरोधी गतिविधियों में भी शामिल रहे लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है.