इलाहाबाद: गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में हुई बच्चों की मौत की वजह बताएं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गोरखपुर में बच्चों की मौत के मामले में 9 अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कि गई हैं. कोर्ट ने आज देवकांत वर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई गोरखपुर बच्चों की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए प्रदेश की सरकार से कहा है कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में हुई बच्चों की मौत की वजह बताएं.
योगी सरकार ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत को नकार रही है. इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव डॉ राजीव कुमार की अगुवाई में चार लोगों की कमेटी बनाई है. इस कमेटी में बाकी तीन सदस्य स्वास्थ्य सचिव, आलोक कुमार, वित्त सचिव, मुकेश मित्तल और SGPGI के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हेमचंद्र हैं. इस कमेटी को हफ्ते भर के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है.
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर 63 बच्चों की मौत हो गई है, जिसकी वजह से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. हालांकि प्रशासन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है कि ये मौंते ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं.
सरकार भले ही कह रही हो को ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत नहीं हुई लेकिन इंडिया न्य़ूज की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई. इंडिया न्यूज ने अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट का दौरा किया तो पाया कि प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन की मात्रा जीरो थी. प्लांट में लगा मीटर इसकी गवाही दे रहा था.
सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अस्पताल का दावा था कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई लेकिन प्लांट में ऑक्सीजन की मात्रा बताने वाले मीटर ने इस दावे की कलई खोल दी. अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद जब बच्चों की मौत होने लगी तो लखनऊ, फैजाबाद से आनन फानन में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर हालात पर काबू की कोशिश हुई.
बच्चों की मौत के बाद पता चला है कि अस्पताल को ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी ने पेमेंट न होने पर लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी थी. अस्पताल को ऑक्सिजन आपूर्ति करने वाली फर्म ने एक अगस्त को मेडिकल कॉलेज को चिट्ठी लिखकर 63 लाख के बकाए भुगतान ना होने पर ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की चेतावनी दी थी.