महिला IAS ने कहा, भारत देश में जन्म नहीं लेना

नई दिल्ली. देश में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इसकी नाराजगी युवा ट्रेनी महिला आईएएस रिजु बाफना ने फेसबुक के जरिए जाहिर किया है.

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महिला IAS ने कहा, भारत देश में जन्म नहीं लेना

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  • August 4, 2015 4:52 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

भोपाल. देश में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इसकी नाराजगी युवा ट्रेनी महिला आईएएस रिजु बाफना ने फेसबुक के जरिए जाहिर किया है. उन्होंने कड़े शब्दों में अपने साथ घटी एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि ‘मैं बस यही दुआ कर सकती हूं कि इस देश में कोई महिला ना जन्में.’

दरअसल, रिजु अपने साथ हुए हुए यौन उत्पीड़न मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग के अफसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने कोर्ट पहुंची थी, तब जो हुआ उसका पूरा ब्यौरा रिजु ने लिखा: 

‘मैंने मानवाधिकार आयोग के आयोग मित्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने मुझे अश्लील मैसेज भेजे थे. मेरी शिकायत पर जिला कलेक्टर भारत यादव ने तत्काल कार्रवाई कर उसे पद से हटा दिया. लेकिन मुझे तब तकलीफ पहुंची, जब मैं बयान दर्ज कराने अदालत गई. कक्ष में एक वकील भी कुछ लोगों के साथ मौजूद थे. इतने लोगों के सामने बयान देने को लेकर मैं असहज महसूस कर रही थी. मैंने मजिस्ट्रेट से स्टेटमेंट की कैमरा रिकॉर्डिंग कराने का अनुरोध किया. कोर्ट मेरी मांग पर विचार करती इससे पहले ही वकील ने चिल्लाते हुए कहा-

‘आप अपने ऑफिस में ऑफिसर होंगी, अदालत में नहीं.’ मैंने कहा कि मैं आईएएस होने के नाते नहीं, एक महिला होने की वजह से यह मांग कर रही हूं. वे बदतमीजी से बात करते हुए चले गए. मैंने माननीय मजिस्ट्रेट से भी निवेदन किया, लेकिन उन्होंने नहीं सुना. उन्होंने कहा-आप युवा हैं. अभी नियुक्त हुई हैं इसलिए इस तरह की मांग रख रही हैं. धीरे-धीरे आप अदालतों की कार्यप्रणाली समझ जाएंगी. फिर ऐसी मांगें नहीं रखेंगी. मैं मजबूर थी. बयान दर्ज करा दिया.यदि आईएएस पद पर बैठी महिला के साथ ऐसी उदासीनता और असंवेदनशीलता है तो आम महिला पर क्या गुजरती होगी?

मैं उन महिलाओं के साथ सहानुभूति रखती हूं जो चुप रहीं. महिलाओं को न्यायपालिका से बहुत उम्मीदें हैं. वह पक्षपात रहित सुनवाई और सहानुभूति भरा व्यवहार चाहती है. लेकिन मुझे जो अनुभव हुआ है उससे लगता है कि एक बार फिर मेरे साथ उत्पीड़न हुआ. मैं पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हूं, मुझे लगता है कि मेरे साथ न्याय नहीं हुआ. मैं चाहती हूं कि अदालतें भी संवेदनशीलता दिखाएं. ‘मैं बस यही दुआ कर सकती हूं कि इस देश में कोई महिला ना जन्में. यहां हर कदम पर उल्लू बैठे हैं.’

रिजु बाफना 2013 में आईएएस बनी थीं. उन्होंने परीक्षा में 77 रैंक हासिल की थी. फिलहाल वह मध्य प्रदेश के सिवनी में ट्रेनी आईएएस अफसर के पद पर हैं और उनके पति भी आईएएस हैं.

 

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