नई दिल्ली. नीतीश कुमार और भाजपा के मिलन से नाराज जदयू के बागी नेता शरद यादव ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है. राज्यसभा में जेडीयू दल के नेता पद से हटाए जाने के बाद शरद यादव अब विपक्षी दलों को इक्ट्ठा कर अपना सियासी दमखम दिखाने का फैसला किया है. यही वजह है कि गुरुवार को दिल्ली में साझी विरासत बचाओ सम्मेलन के जिरेय सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट किया.
‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में शरद यादव ने कहा कि बहुत बंटवारे हुए, ऐसा बंटवारा नहीं देखा. लोगों को ये आशंका थी कि कहीं मैं भी बाकि लोगों की तरह खिक न जाऊं और मंत्री से संत्री न बन जाऊं. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि जब हिंदुस्तान और विश्व की जनता एक साथ खड़ी हो जाती है तो कोई हिटलर भी नहीं जीत सकता.
इस सम्मेलन में डीएमके को छोड़कर 17 पार्टियों को बुलाया गया था. कांग्रेस से राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद आये तो वहीं कश्मीर से फारुख अब्दुला भी पहुंचे. यूपी से सपा और बसपा के प्रतिनिधि शामिल हुए.
राहुल गांधी ने बीजेपी और संघ पर वार करते हुए कहा कि ‘देश को देखने के दो तरीके होते हैं, ‘एक कहता है ये देश मेरा है, एक कहता है मैं इस देश का हूं, ये फर्क है हम में और आरएसएस में. संविधान में लिखा है वन मैन वन वोट. जो संविधान देता है उसको आरएसएस खत्म करना चाहता है संविधान बदलना चाहता है.’
राहुल ने आगे पीएम मोदी पर आरोप लगाए हुए कहा कि ये झूठे हैं, इनका मेक इन इंडिया फेल हो चुका है और ये युवाओं को रोजगार देने में भी बुरी तरह से नाकाम रहे हैं.
गौरतलब है कि इस सम्मेलन के जरिए शरद यादव विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में लगे हैं. हालांकि उन्हें जदयू पार्टी के भीतर से ज्यादा समर्थन नही मिल रहा है. बिहार में उनकी यात्रा के दौरान जदयू के एक भी विधायक शरद के साथ नजर नहीं आये थे.