मुंबई: अबतक आपने ब्लू व्हेल गेम के बारे में सुना होगा, जो मौत के लिए उकसाता है, लेकिन क्या ब्लू डॉग के बारे में सुना है. ये कोई गेम नहीं, बल्कि कुत्ता है, जो नीले रंग का है. अगर देखा भी है, तो सोचा है कि उसका रंग नीला क्यों है.
अब तक आपने सफेद-काले-भूरे और चितकबरे रंग वाले कुत्ते देखे होंगे लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब कुत्ते का रंग नीला पड़ गया. दरअसल नवी मुंबई के तलोजा इलाके में कई कुत्तों को अजीब सी बीमारी लग गई है. जो कुत्ते सफेद रंग के थे. वो अचानक नीले पड़ते चले गए और धीरे-धीरे पूरा शरीर ही नीले रंग का हो गया.
गली-गली घूम रहे इन कुत्तों को जिसने भी देखा वो हैरान रह गया. पड़ताल की गई तो पता चला कि मुंबई के तलोजा इलाके में कई ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जिनका पानी पूरी तरह से दूषित हो चुका है. इन्हीं में से कुछ फैक्ट्रियां ऐसी हैं, जो नीली डाई बनाती हैं. इसी डाई मिले हुए पानी को पीने से कुत्तों का रंग नीला पड़ता जा रहा है.
हजार से ज्यादा ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जिनका पानी बगैर रिसाइक्लिंग किए कसाडी नदी में जाता है. इस पानी में टॉक्सिक की मात्रा इतनी ज्यादा है, जो त्वचा को छूते ही उसका रंग बदल देती है. जानकार बताते हैं कि जो भी कुत्ता खाने-पीने की तलाश करते हुए कसाडी नदी का पानी पी रहा है, वो नीला पड़ता जा रहा है.
कसाडी नदी अब नदी नहीं, बल्कि ऐसा नाला बन चुकी है. जिसका पानी कई गंभीर बीमारियों को पैदा कर सकता है. प्रदूषण बोर्ड के नियमों के मुताबिक जिस पानी में बीओडी का स्तर 3 मिलीग्राम/लीटर से ऊपर हुआ, तो इंसानों के पीने लायक नहीं रहता जबकि 6 मिलीग्राम/लीटर से ऊपर बीओडी होने पर मछली मर जाती है.
बात कसाडी नदी की करें, तो उसमें प्रदूषण स्तर 13 गुना ज्यादा पाया गया. बीओडी और क्लोराइड का स्तर भी उम्मीद से कहीं ज्यादा निकला. जब पानी इतना जहरीला और रंग-बिरंगा हो तो फिर कुत्तों पर उसका कितना बुरा असर होगा. सिर्फ कुत्ते ही नहीं, इंसान की सेहत भी उसके संपर्क में आने से बिगड़ सकती है. आंख की रोशनी जा सकती है. फेंफड़े खराब हो सकते हैं.
मुंबई में कुत्तों का रंग नीला पड़ता देख कई स्वयंसेवी संगठन आगे आए और महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में इसकी शिकायत की गई. एनीमल प्रोटेक्शन सेल ने भी कुत्तों के बदलते रंग पर चिंता जताई है. सिर्फ कुत्ते ही नहीं बल्कि पक्षियों का भी रंग बदलने लगा है. कसाडी नदी का पानी पीने से पक्षियों की त्वचा कुत्तों की तरह ही नीली पड़ने लगी है और तो और दूषित पानी की वजह से कई मछलियां दम तोड़ चुकी हैं.