सड़क पर नमाज हो सकती है तो थाने में कृष्ण जन्माष्टमी क्यों नहीं ?

यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तुष्टीकरण पर हमला बोला था और कहा था कि अगर रमजान में बिजली आती है, तो दीवाली पर भी आनी चाहिए. अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी नया उदाहरण देकर वही बात दोहराई है.

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सड़क पर नमाज हो सकती है तो थाने में कृष्ण जन्माष्टमी क्यों नहीं ?

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  • August 17, 2017 1:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तुष्टीकरण पर हमला बोला था और कहा था कि अगर रमजान में बिजली आती है, तो दीवाली पर भी आनी चाहिए. अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी नया उदाहरण देकर वही बात दोहराई है.
 
योगी आदित्यनाथ ने यूपी की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सड़कों पर नमाज अदा करने पर रोक नहीं लगाई जा सकती, तो फिर थाने में जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाई जा सकती. इस बयान में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है, फिर भी इस पर राजनीति शुरू हो गई है. सड़क पर नमाज हो सकती है तो थाने में जन्माष्टमी क्यों नहीं ? योगी आदित्यनाथ की वाजिब बातें भी विरोधियों को सांप्रदायिक क्यों लगती हैं, आज इसी मुद्दे पर होगी महाबहस.
 
योगी आदित्यनाथ ने यूपी का सीएम बनने के बाद कहा था कि नमाज की प्रक्रिया भी सूर्य नमस्कार से मिलती-जुलती है. इसमें कोई विवादित बात नहीं थी, लेकिन चूंकि योगी की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की है, लिहाजा उनके इस बयान पर भी जमकर विवाद हुआ. योगी का ऐसा ही एक बयान फिर से विवादों में है, जबकि तर्क की कसौटी पर देखें तो योगी के बयान में विवादित कुछ भी नहीं है.
 
योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग खुद को यदुवंशी कहते हैं, उन्होंने अपनी सरकार रहते पुलिस स्टेशन और पुलिस लाइंस में जन्माष्टमी के आयोजन पर रोक लगाई थी. उन्होंने थानों में जन्माष्टमी की तुलना सड़कों पर नमाज से की. योगी की दलील थी कि अगर वो ईद के दिन सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगा सकते, तो उन्हें थानों में जन्माष्टमी मनाने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है.
 
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने सभी धर्मस्थलों पर लाउड स्पीकर पर पाबंदी लगाने को कहा था. जब उनसे कांवड़ यात्रा के दौरान म्यूजिक सिस्टम के इस्तेमाल पर पाबंदी होने की बात बताई गई, तब उन्होंने प्रशासन से कहा था कि ऐसी पाबंदी हर धर्मस्थल के लिए होनी चाहिए. अगर सभी धर्मस्थलों पर इसे लागू नहीं किया जा सकता, तो कांवड़ यात्रा में भी ऐसी कोई पाबंदी नहीं हो सकती.
 
योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कहा था कि वो किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं, लेकिन तुष्टीकरण उन्हें किसी हाल में मंजूर नहीं. योगी का ये बयान क्या तुष्टीकरण के विरोध में है ? योगी के समर्थकों को ऐसा ही लगता है, लेकिन योगी के विरोधियों को उनके इस बयान में भी सांप्रदायिकता की बू आ रही है.
 
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