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BJP की नजर कश्मीर घाटी पर, पहली बार कश्मीर में होगी प्रदेश कार्यकारिणी मीटिंग

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से पीएम ने कश्मीर के नाम संदेश में कहा था ना गोली से, ना गाली से, बात बनेगी गले लगाने से. पीएम के इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए पहली बार बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक श्रीनगर में होने जा रही है, ऐसा पहली बार है जब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कश्मीर में होने जा रही है.

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  • August 17, 2017 1:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से पीएम ने कश्मीर के नाम संदेश में कहा था ना गोली से, ना गाली से, बात बनेगी गले लगाने से. पीएम के इसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए पहली बार बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक श्रीनगर में होने जा रही है, ऐसा पहली बार है जब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कश्मीर में होने जा रही है. जानकारी के मुताबिक अक्टूबर में जम्मू- कश्मीर बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक श्रीनगर में होगी. 
 
हालांकि अबतक बीजेपी को केवल जम्मू आधारित पार्टी ही समझा जाता रहा है. तमाम कोशिशों के बाबजूद भी बीजेपी कभी अपनी पैठ कश्मीर घाटी में कभी नही बना पाई. कश्मीर में बीजेपी के लिए हालात ऐसे थे कि उन्हें अपना झंडा उठाने के लिए एक कश्मीरी मुस्लिम कार्यकर्ता भी नहीं मिलता था लेकिन अब घाटी में बीजेपी के लिये हालात बदले बदले नजर आ रहे हैं.
 
 
घाटी में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं और युवा बीजेपी से जुड़ रहे हैं जिससे पार्टी गदगद नजर आ रही है. बीजेपी चाहती है कि उसकी इस सियासी रणनीति का फायदा पार्टी का घाटी में जनाधार बढ़ाने में हो. दीनदयाल अल्पविस्तारक योजना में पूरे प्रदेश से 514 मुस्लिम विस्तारक निकले, वहीं केवल कश्मीर घाटी से 316 मुस्लिम विस्तारक निकले. इनमें 65 मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हैं. इन लोगों ने पूरी कश्मीर घाटी में 15 दिनों तक मोदी सरकार की योजनाओं और बीजेपी पार्टी का जमकर प्रचार प्रसार किया है.
 
 
इसके अलावा घाटी के 36 मुस्लिम 6 महीने के लिए बीजेपी के विस्तारक बनकर निकल चुके हैं. इसे पार्टी की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि कश्मीरी मुसलमानों के साथ आने से पूरे देश के मुसलमानों के बीच बीजेपी का जनाधार बनेगा. 
इसी रणनीति को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक श्रीनगर में करने की योजना बनाई है. सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शिरकत कर सकते हैं. 
 
इससे पहले जुलाई में ही अपने 70 सालों के इतिहास में RSS ने पहली बार अपनी अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारक मीटिंग जम्मू में की थी. यानी साफ है कि संघ और बीजेपी कश्मीर घाटी को पूरी तरह से केसरिया करने की रणनीति पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. 
 

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