चंडीगढ़ : मुरथल गैंगरेप मामले में एसआईटी ने बेहद चौंकाने वाली बात कही है. एसआइटी चीफ ने हाई कोर्ट में कहा कि उनको जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि जाट आंदोलन के चलते मुरथल में गैंगरेप हुआ था.
एसआईटी के जवाब पर इस मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी ने कहा कि एसआईटी ने मामले की सही से जांच नहीं की है. एमिकस क्यूरी ने एसआईटी की जांच प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए मामले को जांच के लिए सीबीआई को देने की मांग की है.
वहीं कोर्ट ने जाट आंदोलन के चलते दर्ज हुए सभी मामलों में मुरथल गैंगरेप केस को छोड़ कर अन्य मामलो की जांच के लिये एसआईटी फाइनल करने का सरकार को आदेश दिया है. इस एसआईटी के प्रमुख हिसार के आई जी अमिताभ ढिल्लों हो सकते हैं. सरकार ने कोर्ट में अमिताभ ढिल्लों का नाम दिया था.
साथ ही हाई कोर्ट ने जाट आंदोलन के चलते राज्य के कई जिलों में दर्ज एफआईआर को अनट्रेस आधार पर क्लोज करने की वजह से पुलिस जांच पर भी सवाल उठाए. सीबीआई ने कहा कि वो जाट आंदोलन में कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को आग लगने समेत 5 एफआईआर पर जांच कर रही है और जांच जारी है. इस मामले पर सुनवाई दोपहर बाद भी जारी रहेगी.
बता दें कि 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में रेप की घटना का मामला सामने आया था. जिसकी जांच एसआईटी कर रही है. इस मामले में पिछले माह जुलाई में भी एसआईटी ने एक रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी. जिसे एमिकस क्यूरी ने शून्य करार दे दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए एसआईटी को फटकार भी लगाई थी.
इस मामले में हाई कोर्ट का मानना है कि मुरथल में गैंगरेप हुआ था तो वहीं हरियाणा सरकार और एसआईटी का कहना है कि गैंगरेप नहीं हुआ था बल्कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ हुई थी.